पंजाब के मंत्री परगट सिंह का बड़ा फैसला: स्कूल,उच्च शिक्षा, खेल और NRI मामलों के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनेंगी; कैप्टन सरकार की तरह सिर्फ अफसरों पर निर्भर नहीं होगी सरकार
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जालंधर11 मिनट पहले
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अफसरों से बैठक करते शिक्षा, खेल और एनआरआई मामलों के मंत्री परगट सिंह।
पंजाब में सरकार पर अफसरशाही के हावी होने के दाग से मुक्ति के लिए मंत्री परगट सिंह ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, खेल और NRI से जुड़े मामलों के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनेंगी। इसमें अपने-अपने फील्ड के एक्सपर्ट हाेंगे। जो विभाग के कामकाज को सुचारू तरीके से चलाने के लिए सुझाव देंगे। इससे साफ है कि सरकार के कामकाज के लिए सरकार सिर्फ अफसरों पर निर्भर नहीं रहेगी। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम रहते हुए परगट सिंह खुद भी अफसरों के रवैये को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।
हर मामले के अलग एक्सपर्ट होंगे शामिल
मंत्री परगट सिंह ने बताया कि स्कूली शिक्षा के लिए शिक्षाविदों और शिक्षकों की कमेटी बना दी गई है। इसी तरह उच्च शिक्षा और भाषा विभाग के लिए मशहूर लेखकों और शिक्षाविदों की कमेटी बनेगी। खेल विभाग के लिए उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले खिलाड़ियों और NRI मामलों के लिए NRIs को शामिल किया जाएगा। खेल, शिक्षा और NRI मामलों के मंत्री परगट सिंह ने कहा कि प्रख्यात पेशेवर लोगों को इन कमेटियों में रखा जाएगा। जो अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट हैं, वो कामकाज के लिए कमेटी की मदद करेंगे। इसके अलावा कमेटी के जरिए आगे का विजन तय किया जाएगा।
मंत्री परगट सिंह की बैठक में शामिल अफसर।
सरकार को युवाओं से उम्मीदें, तालमेल जरूरी
परगट सिंह ने कहा कि पंजाब के युवाओं को नई बनी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। जिसके लिए सरकार को कड़ी मेहनत करनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह सभी विभाग आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए बेहतर तालमेल से काम करना जरूरी है। इसके जरिए सरकारी स्कीमों का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाया जाएगा। इस मौके स्कूली शिक्षा और खेल के सचिव अजोय शर्मा, उच्च शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार, खेल निदेशक डीपीएस खरबंदा, डीपीआई (कॉलेज) परमजीत सिंह और डीपीआई (स्कूल शिक्षा) सुखजीत पाल सिंह मौजूद रहे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते परगट सिंह का उनसे छत्तीस का आंकड़ा रहा।
अमरिंदर पर उठते रहे हैं सवाल
कैप्टन अमरिंदर सिंह जब तक CM रहे, उन पर सवाल उठते रहे हैं। अमरिंदर पर अफसरशाही को बढ़ावा देने के आरोप लगे। विरोधियों से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों और नेता ही इस पर सवाल उठाते रहे। सरकार पर एकतरफा फैसले लेने और अफसरों के मनमाने ढंग से लागू करने के आरोप लगे। इससे सरकार की गलत छवि बनती रही। इसी को देखते हुए अब अमरिंदर की जगह चरणजीत चन्नी के सीएम बनते ही सरकार के बारे में धारणा बदलने की कोशिश की जा रही है।
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