पंजाब के नए CM का शायराना अंदाज: चाय की चुस्कियां लेते हुए बोले चरणजीत चन्नी- नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें; सिद्धू करते रहे वाह-वाह

पंजाब के नए CM का शायराना अंदाज: चाय की चुस्कियां लेते हुए बोले चरणजीत चन्नी- नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें; सिद्धू करते रहे वाह-वाह

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जालंधर39 मिनट पहले

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पंजाब के नए CM का शायराना अंदाज: चाय की चुस्कियां लेते हुए बोले चरणजीत चन्नी- नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें; सिद्धू करते रहे वाह-वाह

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह का तख्तापलट करने के बाद कांग्रेस ने CM की छवि बदलनी शुरू कर दी है। पब्लिक से दूरी के बजाय वो सीधे जनता के बीच पहुंच रहे हैं। बुधवार को CM चरणजीत चन्नी अमृतसर में दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे। इसके बाद वह लाव-लश्कर के साथ मशहूर ज्ञानी टी-स्टॉल पर पहुंचे। उनके साथ पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू के अलावा डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी भी थे।

यहां वह लोगों से मिले। किसी को परेशानी न हो, इसलिए सिक्योरिटी को भी दूर रखा गया। यहीं पर CM चरणजीत चन्नी का शायराना अंदाज देखने को मिला। जिसे सुनकर नवजोत सिद्धू वाह-वाह करते रहे। शेर ओ शायरी के लिए नवजोत सिद्धू खूब फेमस हैं।

यह शेर सुना CM चन्नी ने बटोरी वाह-वाह

चलते-फिरते हुए महताब दिखाएंगे तुम्हे, हमसे मिलना कभी ये पंजाब दिखाएंगे तुम्हें

चांद हर छत पर है, सूरज है हर आंगन में, नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें

हालांकि इसको लेकर सोशल मीडिया पर अब चर्चा भी शुरु हो गई है कि कांग्रेस की नई पंजाब सरकार जमीनी स्तर पर काम करेगी या फिर इशारों में नए ख्वाब दिखाने की बात कही जा रही है।

कैप्टन अमरिंदर ने बना ली थी दूरी
कैप्टन अमरिंदर सिंह राजघराने से जुड़े हैं। उन्हें वर्तमान में पटियाला रियासत का महाराजा माना जाता है। ऐसे में विरोधी अक्सर उन पर आरोप लगाते रहते थे कि वो लोगों से नहीं मिलते। कैप्टन काफी समय से जनता के बीच तो दूर, पंजाब सेक्रेट्रिएट भी कम ही जाते थे। पिछले कुछ महीनों से उन्होंने सिसवां फार्म हाउस को ही कैंप ऑफिस बना लिया। पूरी सरकार ही वहां से चल रही थी। जो विपक्षी दलों के साथ उनकी ही पार्टी के नेताओं को रास नहीं आया। जिसके बाद बगावत हुई और कैप्टन की कुर्सी छिन गई।

तालमेल के लिए रखे सलाहकार ही पड़े भारी
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पब्लिक व पार्टी नेताओं से तालमेल के लिए सलाहकारों की फौज खड़ी कर दी। इसका उलटा असर हुआ। उन्होंने कैप्टन व नेताओं के बीच तालमेल के बजाय खेल बिगाड़ना शुरु कर दिया। जो भी कैप्टन के खिलाफ कुछ कहता, उसे धमकाने लगे। यहां तक कि अफसरशाही ने मंत्री तक नहीं बख्शे। जिसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव से महज 5 महीने पहले कैप्टन पूर्व मुख्यमंत्री बनकर रह गए।

इसी नाराजगी को खत्म करवाने में जुटे सिद्धू
कैप्टन के खिलाफ पैदा हुई इसी नाराजगी को नवजोत सिद्धू खत्म करने में जुटे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को लेकर सीधे जनता के बीच जा रहे हैं। सिद्धू को लगता है कि इसके जरिए वो लोगों को कैप्टन के साढ़े 4 साल के कार्यकाल की छवि भुला देंगे। वहीं, सीधे CM से मुलाकात होने पर वर्करों में भी जोश होगा। हालांकि सिद्धू का यह प्रयोग कांग्रेस की अगले साल सत्ता में वापसी करा पाती है या नहीं, यह चुनाव के बाद ही पता चलेगा।

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