पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रावत की छुट्टी तय: हरीष चौधरी हो सकते हैं नए इंचार्ज, रावत ने खुद भी मांगी छुट्टी; उत्तराखंड में खराब हालात का दिया हवाला
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लुधियाना18 मिनट पहलेलेखक: दिलबाग दानिश
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हरीश रावत की पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से छुट्टी लगभग तय हो गई है। कांग्रेस ने मन बना लिया है कि उनकी जगह हरीष चौधरी को प्रभारी लगा दिया जाए। वह कुछ दिन से चंडीगढ़ में डेरा जमाए हुए हैं। हालांकि हरीश रावत खुद भी इस पद से छुट्टी मांग रहे हैं, मगर इसे औपचारिकता भर कहा जा सकता है।
रावत ने ट्वीट में लिखा है कि मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं। एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं। क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा।
हरीश रावत की तरफ से किया गया ट्वीट
रावत ने आगे लिखा कि उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने में सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई हैं। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं, पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी व गुरु गोविंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय।आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की।
हरीश रावत द्वारा किए ट्वीट के साथ अटैच लेटर।
चरणजीत चन्नी-नवजोत सिद्धू विवाद के बाद नहीं आए पंजाब
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू में चल रहे विवाद को हल करने के लिए हरीष चौधरी की ड्यूटी लगी है और वह इसके लिए मीटिंग भी कर चुके हैं। मगर हरीश रावत ने अब इससे दूरी बना ली है। कहा जा रहा है कि उनके बयानों से पैदा हुए विवाद और कैप्टन अमरिंदर के मामले को सही ढंग से नहीं हल कर पाने के कारण कांग्रेस हाईकमान पहले ही चाहता है कि रावत को पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से हटा दिया जाए। इसीलिए उनके साथ कुछ समय पहले ही हरीष चौधरी को बैठकों में शामिल किया जाने लगा। चौधरी ने पहले साथ में काम किया और अब फुल फ्लैश पंजाब के मामलों को देखने लगे हैं। इसीलिए उम्मीद जताई जा रही कि वह ही पंजाब मामलों के प्रभारी लगाए जा सकते हैं।
कैप्टन विवाद को सही ढंग से नहीं निपटा पाए
हरीश रावत को कैप्टन अमरिंदर सिंह और दूसरे नेताओं के बीच मनमुटाव दूर करने को कहा गया था। मगर वह इसमें सफल नहीं हो पाए। बाद में उनके कहने पर ही सिद्धू को प्रधान बनाया गया। कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। मगर यह विवाद हल होने की बजाय बढ़ता ही गया। चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत ने ब्यान दिया कि अगला चुनाव नवजोत सिद्धू की अगुवाई में लड़ा जाएगा। इस पर कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठा दिए। अब जब चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया, तब भी कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है।
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