पंजाब कांग्रेस इंचार्ज पद से हटाए गए हरीश रावत: हरीश चौधरी को मिली जिम्मेदारी; अमरिंदर-सिद्धू कलह को सही तरीके से हैंडल नहीं कर पाए थे

पंजाब कांग्रेस इंचार्ज पद से हटाए गए हरीश रावत: हरीश चौधरी को मिली जिम्मेदारी; अमरिंदर-सिद्धू कलह को सही तरीके से हैंडल नहीं कर पाए थे

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जालंधर11 मिनट पहले

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पंजाब कांग्रेस इंचार्ज पद से हटाए गए हरीश रावत: हरीश चौधरी को मिली जिम्मेदारी; अमरिंदर-सिद्धू कलह को सही तरीके से हैंडल नहीं कर पाए थे

नवजोत सिद्धू के साथ हरीश चाैधरी।

हरीश रावत की पंजाब कांग्रेस इंचार्ज के पद से छुट्‌टी कर दी गई है। उनकी जगह अब हरीश चौधरी को यह जिम्मेदारी मिली है। वह चंडीगढ़ कांग्रेस के भी इंचार्ज होंगे। हरीश रावत कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू की कलह को सही ढंग से हैंडल नहीं कर पाए। इस वजह से कांग्रेस हाईकमान उनसे नाराज था। कैप्टन के तख्ता पलट के बाद सिद्धू की सीएम चरणजीत चन्नी से टक्कर हो गई। जिसे सुलझाने रावत पंजाब आना चाहते थे लेकिन हाईकमान ने रोक दिया। उनकी जगह राजस्थान सरकार में मंत्री हरीश चौधरी को भेजा गया। जो अब तक हालात को संभाल कर बैठे हुए हैं।

दैनिक भास्कर ने 2 अक्टूबर को ही इस संबंध में स्पष्ट कर दिया था कि हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस इंचार्ज के पद से हटाकर हरीश चौधरी को जिम्मेदारी दी जाएगी। जिस पर अब मुहर लग गई है।

कांग्रेस की तरफ से जारी आदेश

कांग्रेस की तरफ से जारी आदेश

रावत के फैसले से शुरू हुआ था कैप्टन-सिद्धू का झगड़ा

कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के झगड़े की असल शुरुआत ही हरीश रावत से हुई थी। रावत ने पंजाब इंचार्ज बनते ही कैप्टन से नाराज होकर घर बैठे नवजोत सिद्धू को सक्रिय किया। उन्हें पंजाब में कांग्रेस का भविष्य बताया। उन्हें पंजाब प्रधान बनाने के लिए लॉबिंग की। सिद्धू प्रधान बन गए और कैप्टन के खिलाफ बगावत होने लगी। रावत कैप्टन अमरिंदर से मिले और बाहर आकर उनकी तारीफ करते रहे।

हरीश रावत

हरीश रावत

रावत के बयानों ने बढ़ाई पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें

कैप्टन के खिलाफ बगावत कर मंत्री उन्हें मिलने देहरादून गए थे। वहां पहले ही हरीश रावत ने कह दिया कि अगला चुनाव अमरिंदर की अगुवाई में लड़ेंगे। इसका सिद्धू खेमे ने विरोध किया। सिद्धू के करीबी परगट सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि रावत ऐसे फैसले लेने वाले होते कौन हैं?

कैप्टन के तख्ता पलट के बाद चरणजीत चन्नी नए सीएम बने। रावत चंडीगढ़ आए और कह दिया कि अगला चुनाव सिद्धू की अगुवाई में होगा। इस पर फिर झगड़ा बढ़ गया। कहा गया कि रावत ने सीएम पद की गरिमा गिराने की कोशिश की। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान को सफाई देनी पड़ी कि चुनाव सिद्धू और चन्नी की अगुवाई में होंगे।

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हुआ फैसला

हरीश चौधरी पंजाब में अमरिंदर के तख्ता पलट के बाद चंडीगढ़ में डटे हुए थे। उन्होंने गुरुवार को राहुल गांधी को पंजाब कांग्रेस को लेकर रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद यह फैसला हुआ कि अब पंजाब में हरीश चौधरी ही नए प्रभारी होंगे।

संकेत मिले तो रावत ने पद छोड़ने की इच्छा जताई

हरीश रावत को भी इस बात के संकेत मिल गए थे कि उनकी छुट्‌टी हो सकती है। इसी वजह से वह कई बार पंजाब प्रभारी पद की इच्छा जताते रहे। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन की बात कही। उत्तराखंड में कांग्रेस की तरफ से हरीश रावत सीएम पद के दावेदार भी हैं। जब अंतिम फैसला हो चुका था तो पहले ही रावत ने सोशल मीडिया पर इस बारे में पोस्ट डाल दी।

चौधरी सह इंचार्ज और पर्यवेक्षक रह चुके

नए कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी के लिए पंजाब नया नहीं है। वह पंजाब कांग्रेस के सह इंचार्ज रह चुके हैं। इसके अलावा जब अमरिंदर का तख्ता पलट हुआ ताे अजय माकन के साथ चौधरी को ही कांग्रेस पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा गया था। सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच हुई कलह को ठंडा करने में भी चौधरी की अहम भूमिका रही।

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