निडिल फ्री वैक्सीन की कीमत तय: 265 रुपए प्रति डोज में आएगी जायडस कैडिला की ZyCoV-D, 1 करोड़ डोज खरीदेगी केंद्र सरकार

[ad_1]
- Hindi News
- National
- Zydus Cadila Needle Free Vaccine Price Update; Narendra Modi Government Will Buy 1 Crore Doses
नई दिल्ली14 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन की कीमत तय हो गई है। केंद्र सरकार स्वदेशी वैक्सीन ZyCoV-D की प्रति डोज 265 रुपए में खरीदेगी। बता दें कि एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को ही केंद्र सरकार ने इस वैक्सीन के 1 करोड़ डाेज खरीदने का आदेश दिया है।
माना जा रहा है कि जल्द ही इस टीके को देश के वैक्सीनेशन कैंपेन का हिस्सा बनाया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ZyCoV-D वैक्सीन शुरुआती तौर पर एडल्ट्स को लगाई जाएगी। ZyCoV-D देश में ही बनी तीन-डोज वाली नीडल-फ्री वैक्सीन है। साथ ही कोरोना के खिलाफ DNA पर आधारित यह पहला टीका है।
जायकोव-डी निडिल फ्री वैक्सीन है
ये वैक्सीन निडिल की बजाय जेट इंजेक्टर से लगेगी। जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल अमेरिका में सबसे ज्यादा होता है। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। वहीं, आमतौर पर जो निडिल इंजेक्शन यूज होते हैं, उनसे फ्लूड या दवा मसल्स में जाती है। जेट इंजेक्टर में प्रेशर के लिए कंप्रेस्ड गैस या स्प्रिंग का इस्तेमाल होता है।
जेट इंजेक्टर से वैक्सीन लगाने का क्या फायदा है?
सबसे पहला फायदा तो यही है कि इससे लगवाने वाले को दर्द कम होता है, क्योंकि ये आम इंजेक्शन की तरह आपके मसल के अंदर नहीं जाती। दूसरा फायदा ये कि इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा निडिल वाले इंजेक्शन की तुलना में काफी कम होता है।
दुनिया की पहली DNA बेस्ड वैक्सीन होगी
जायकोव-डी एक DNA-प्लाज्मिड वैक्सीन है। ये वैक्सीन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए जेनेटिक मटेरियल का इस्तेमाल करती है। जिस तरह अमेरिका समेत कई देशों में लग रही फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए mRNA का इस्तेमाल करती हैं, उसी तरह ये प्लाज्मिड-DNA का इस्तेमाल करती है।
[ad_2]
Source link