नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ पर्व: दिल्ली में यमुना के जहरीले झाग में डुबकी लगा रहे श्रद्धालु, UP-बिहार में घाटों पर उमड़े व्रती

नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ पर्व: दिल्ली में यमुना के जहरीले झाग में डुबकी लगा रहे श्रद्धालु, UP-बिहार में घाटों पर उमड़े व्रती

[ad_1]

नई दिल्ली41 मिनट पहले

छठ पूजा का सेलिब्रेशन शुरू हो गया है। दिवाली के बाद आने वाला यह त्योहार चार दिन तक सेलिब्रेट किया जाता है। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़े ही उत्साह के साथ इस त्योहार को मना रहे हैं। देश के दूसरों हिस्सों में भी छठ मनाई जा रही है। आज ‘नहाय-खाय’ से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है।

नहाय-खाय के दिन कद्दू-भात का प्रसाद बनाया जाता है और व्रती इसे ग्रहण करते हैं। नहाय-खाय के दिन से घर में सात्विक भोजन बनने लगता है और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान व्रती भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। नहाने के बाद ही भोजन बनाया जाता है। छठ पर महिलाएं उपवास करती हैं और घुटने तक गहरे पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।

दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण की वजह से दिल्ली में यमुना नदी में जहरीले झाग बन गए हैं। छठ पूजा के पहले दिन श्रद्धालुओं ने इसी में स्नान किया।

दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण की वजह से दिल्ली में यमुना नदी में जहरीले झाग बन गए हैं। छठ पूजा के पहले दिन श्रद्धालुओं ने इसी में स्नान किया।

व्रतियों ने कालिंदी कुंज में यमुना नदी में बने जहरीले झाग के बीच डुबकी लगाई। यह तस्वीर प्रदूषण को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

व्रतियों ने कालिंदी कुंज में यमुना नदी में बने जहरीले झाग के बीच डुबकी लगाई। यह तस्वीर प्रदूषण को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है।

व्रतियों का कहना है कि छठ पर यमुना नदी में जहरीले छाग का आना चिंता की बात है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए था।

व्रतियों का कहना है कि छठ पर यमुना नदी में जहरीले छाग का आना चिंता की बात है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए था।

‘क्या इसी वजह से यमुना किनारे छठ मनाने पर रोक लगाई?’
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और दिवाली में आतिशबाजी के कारण दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया का लेवल काफी बढ़ गया है। इससे यहां झाग बन गया है। झाग के बीच स्नान करती व्रतियों की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद राजनीति गरमा गई है। सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि क्या इसी वजह से यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई थी।

बिहार में छठ पर्व की काफी धूम है। सूर्य उपासना के इस पर्व पर घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हैं।

बिहार में छठ पर्व की काफी धूम है। सूर्य उपासना के इस पर्व पर घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हैं।

वैशाली के हाजीपुर के ऐतिहासिक कोनहारा गंडक घाट पर गंगा स्नान के लिए छठव्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

वैशाली के हाजीपुर के ऐतिहासिक कोनहारा गंडक घाट पर गंगा स्नान के लिए छठव्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

लोक आस्था के महापर्व के मौके पर हाजीपुर शहर और आसपास के प्रखंडों से भारी संख्या में छठव्रती गंगा स्नान करने गंडक घाट पहुंचे।

लोक आस्था के महापर्व के मौके पर हाजीपुर शहर और आसपास के प्रखंडों से भारी संख्या में छठव्रती गंगा स्नान करने गंडक घाट पहुंचे।

छठ पूजा का कार्यक्रम
8 नवंबर 2021, सोमवार- (नहाय-खाय)
9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना)
10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)

नहाय-खाय के दिन छठ व्रती महिलाओं बिहार में घाट किनारे कलश लिए नजर आईं।

नहाय-खाय के दिन छठ व्रती महिलाओं बिहार में घाट किनारे कलश लिए नजर आईं।

छठ व्रतियों की मदद के लिए पुरुष भी अपना योगदान दे रहे हैं। ये लोग पूजा सामग्री लेकर घाट पहुंचे हैं।

छठ व्रतियों की मदद के लिए पुरुष भी अपना योगदान दे रहे हैं। ये लोग पूजा सामग्री लेकर घाट पहुंचे हैं।

गंगा स्नान के बाद छठ व्रतियों ने सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

गंगा स्नान के बाद छठ व्रतियों ने सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

छठ की पूजा सामग्री
छठ पूजा में विशेष सामग्रियों का इस्तेमाल होता है, जिनमें टोकरी, लोटा, फल, मिठाई, नरियल, गन्ना और हरी सब्जियां प्रमुख हैं। इसके अलावा दूध-जल के लिए एक ग्लास, शकरकंदी और सुथनी, पान, सुपारी और हल्दी, अदरक का हरा पौधा, बड़ा मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती का इस्तेमाल होता है। साथ ही कई लोग पानी वाला नारियल, मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ, चावल, सिंदूर, दीपक और शहद भी प्रसाद के तौर पर देते हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *