धोखे से कार खरीदने-बेचने में फंसी पुलिस: कोर्ट के आदेश पर IPS अधिकारी राहुल शर्मा, थाने के SHO-SI समेत 5 लोगों पर 14 धाराओं में केस, एसपी बोले: गलती से हुआ दर्ज
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- On The Orders Of The Court, A Case Has Been Registered Against Five People Including The Then SP Of Rohtak, Rahul Sharma, One SHO, SI Under 14 Sections.
रोहतक9 मिनट पहले
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हरियाणा में रोहतक में जिले के पूर्व एसपी व IPS अधिकारी राहुल शर्मा और 2 अन्य पुलिसवालों समेत 5 लोगों को नामजद करते हुए आईपीसी की 14 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जिस आईएमटी थाने में यह केस दर्ज किया गया, वहां का एसएचओ एसआई कुलदीप सिंह भी नामजद आरोपियों में शामिल है। मामला एक बस मालिक की कार को धोखाधड़ी से बेचने, पीड़ित की शिकायत पर आरोपी से मिलीभगत, पुलिस के बड़े अफसरों द्वारा पीड़ित को प्रताड़ित करने और जांच आरोपी के पक्ष में करते हुए अदालत में झूठे गवाह पेश करने से जुड़ा है।
पुलिस द्वारा आईएमटी थाने में दर्ज की गई एफआईआर नंबर 393 के मुताबिक अदालत के आदेश पर आईपीसी की धारा 120बी, 166, 34, 379, 406, 417, 419, 420, 423, 424, 467, 468, 471 व 506 के तहत आईपीएस अधिकारी और रोहतक के पूर्व एसपी राहुल शर्मा, आईएमटी थाने के मौजूदा इंचार्ज कुलदीप सिंह, सब-इंस्पेक्टर (SI) रतन सिंह, डॉ. नरेश और ईश्वर सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया। बड़ी बात यह है कि इस मामले में नामजद कुलदीप सिंह इस समय आईएमटी थाने के ही इंचार्ज हैं और उनके खिलाफ उन्हीं के थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में रोहतक एसपी उदय सिंह मीना के आदेशों के बाद आईएमटी थाना प्रभारी कुलदीप सिंह के नाम से देर रात बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि यह मुकदमा गलती से दर्ज हुआ है। मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी आरोपी नहीं है। केस ऑपरेटर की गलती से दर्ज हुआ है या अन्य किसी कारण से दर्ज हुआ है, इसकी जांच की जा रही है।
लॉकडाउन में उधार ले गया कार और बेच दी
रोहतक के रूड़की गांव में रहने वाले शिकायतकर्ता आनंद ने बताया कि उसकी ‘अत्री बस सर्विस’ नाम से फर्म है। इस फर्म की बसें रोहतक, सोनीपत और पंचकूला में चलती हैं। उनके पास I-20 कार (HR-12AK-6580) थी। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की वजह से जब लॉकडाउन लगा तो वह पंचकूला चले गए। उसी दौरान रोहतक की नेहरू कॉलोनी में ही रहने वाला उनका जानकार डॉक्टर नरेश उर्फ अमित उनके पास आया और उधार में उनकी कार और 2 लाख रुपए कैश ले गया।
आनंद के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से वह कई महीनों तक रोहतक नहीं लौट पाए। लॉकडाउन में ढील मिलने पर वह पंचकूला से रोहतक लौटे और डॉ. नरेश से अपनी कार वापस मांगी। शुरू में नरेश ने आनाकानी और फिर उनका मोबाइल उठाना बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने लेवल पर छानबीन की तो पता चला कि नरेश ने उनकी कार को अवैध तरीके से सोनीपत जिले के गोहाना में रहने वाले ईश्वर सिंह को बेच दी है।
शिकायतकर्ता आनंद के अनुसार, आरोपी नरेश ने उनके आधार कार्ड व पैन कार्ड की कॉपी चोरी कर कार को बेचा। उनकी कार पर एचडीएफसी बैंक से लोन था मगर नरेश से बैंक से डुप्लीकेट एनओसी भी ले ली।
गोहाना एसडीएम के सामने हुई पूछताछ
शिकायकर्ता के अनुसार, कार को धोखे से बेचे जाने की जानकारी मिलने के बाद वह गोहाना एसडीएम कार्यालय गया और वहां एसडीएम को सारे तथ्यों की जानकारी दी। इस पर एसडीएम ने एनओसी तत्काल रद्द कर दी और आरोपी ईश्वर सिंह को बुलाया गया। वहां ईश्वर सिंह ने माना कि उसने आनंद से कार नहीं खरीदी। ईश्वर सिंह ने एसडीएम के सामने बताया कि उसे नरेश ने ही सारे साइन करके कार बेची है और अब वह कार वापस नहीं करेगा।
यूं फंसी रोहतक पुलिस
शिकायतकर्ता आनंद ने इस संबंध में 10 जून 2021 और 21 जनू 2021 को रोहतक के आईएमटी थाने में शिकायत दी। उनकी शिकायत की जांच आईएमटी थाने के सब-इंस्पेक्टर (SI) रतन सिंह ने की मगर उसने आरोपी नरेश से मिलीभगत करके कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उसने पूरा मामला 20 जुलाई को डाक के जरिये रोहतक के तत्कालीन एसपी राहुल शर्मा के संज्ञान में लाया और अनुरोध किया कि आरोपी नरेश के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
आनंद का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की और आरोपी से मिलीभगत कर उसे प्रताड़ित किया। इस दौरान उससे कभी आईएमटी थाने, कभी रोहतक के एसपी कार्यालय, कभी कोर्ट और कभी गोहाना के चक्कर कटवाए गए। आनंद के अनुसार, आरोपी नरेश और कार खरीदने वाले ईश्वर की सियासी पहुंच है इसलिए पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। हार कर उसे अदालत की शरण लेनी पड़ी। अदालत के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया।
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