धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी बोले: इस्लाम का दूसरा नाम ही आतंक है, जिसकी शुरुआत 1400 साल पहले अरब के रेगिस्तान में हुई
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नई दिल्ली7 मिनट पहलेलेखक: रवि यादव
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने सोमवार को अचानक गाजियाबाद में इस्लाम छोड़ सनातन धर्म कबूल कर लिया। उन्होंने अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया है। सनातन धर्म स्वीकार करने के 5 घंटे बाद वसीम रिजवी ऊर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने दैनिक भास्कर से हर मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान त्यागी ने कहा कि इस्लाम का दूसरा नाम ही आतंक है, जिसकी शुरुआत 1400 साल पहले अरब के रेगिस्तान में हुई थी।
पढ़िए पूरी बातचीत…
सवाल: आपने धर्म परिवर्तन क्यों किया, इस्लाम से क्या दिक्कत थी?
जवाब: मैंने इस्लाम धर्म को छोड़ा नहीं है। मुझे तो वहां से निकाला गया है। हम तो इस्लाम को बदलना चाहते थे। जो इस्लाम को मानने वाले हैं, जो कुरान को अल्लाह की किताब कह रहे हैं, वे गलत हैं। कुरान के अनुसार, एक व्यक्ति दूसरे का सिर काटता है तो वह धर्म के आधार पर सही है, लेकिन इंसानियत के खिलाफ है। मुझे इस्लाम से निकाला गया, क्योंकि मैंने राम जन्मभूमि पर बोला। मोहम्मद के बारे में मैंने कहा कि वे अल्लाह के मैसेंजर नहीं हैं, वे एक अहंकारी व्यक्ति थे।
आज दुनिया में इस्लाम आतंक के नाम से पहचाना जाता है। इस्लाम का दूसरा नाम ही आतंक है। इस आतंक की शुरुआत 1400 साल पहले मोहम्मद ने अरब के रेगिस्तान में की थी। अब मैं सनातन धर्म में आ गया हूं और अब यही रहूंगा और मरूंगा भी यहीं।
सवाल: इस्लाम धर्म में आपको क्या बुराइयां दिखीं?
जवाब: इस्लाम में कोई अच्छाई है ही नहीं। अब तो उसको बदलना पड़ेगा। हाल ही में पाकिस्तान में श्रीलंका के एक अधिकारी को बीच सड़क पर मारा गया और वहां एक मजहब के लोग उसके जलते शरीर के साथ फोटो खिंचवा रहे थे। ये इंसानियत के लिए बेहद शर्मनाक बात है। मजहब केवल प्यार सिखाता है। दुनिया का सबसे पहला धर्म सनातन ही है। मेरा अब सनातन धर्म के लिए त्याग करना ही मकसद है और मैं मानव सेवा के लिए ये सब करता रहूंगा।
सवाल: हिंदू धर्म में कई वर्ग और जातियां होती हैं, आप खुद को किस वर्ग का मानते हैं?
जवाब: आज मैं सनातन धर्म में आया हूं। त्यागी परिवार ने पिता को एक औलाद दी है। भाई को एक भाई दिया है।
सवाल: क्या आपने पूरे परिवार के साथ धर्म परिवर्तन किया है?
जवाब: कोई तैयार हो या ना हो मैं अपने फैसले खुद लेता हूं। उसमें कोई पंचायत नहीं करता। मैंने फैसला लिया है कि जब हमें बार-बार इस्लाम से निकाला जा रहा है तो मैं अपना धर्म चुन लेता हूं। और मैंने अब वही किया है।
सवाल: क्या आपने सनातन धर्म अपनाने से पहले अपने परिवार को बताया था?
जवाब: मैंने अभी अपने परिवार को इस बारे में नहीं बताया है। अगर वे मेरे साथ सनातन धर्म में आते हैं तो धर्म के मामले में मेरे उनके अच्छे संबंध रहेंगे। उनको भी इस्लाम छोड़ देना चाहिए। अगर वो इस्लाम नहीं छोड़ते हैं तो मैं उनका त्याग करने को तैयार हूं।
सवाल: क्या आप मानते हैं कि बाबरी मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई थी ?
जवाब: मैं अकेला ऐसा मुसलमान हूं, जिसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। मैं यही चाहता था कि वह हिंदुओं की जगह है और हिंदुओं को दी जाए और वहां राम मंदिर बनाया जाए।
सवाल: क्या आपको अपनी जान का खतरा है?
जवाब: मुझे तो तब भी डर था जब मैं मुसलमान था और वे आए दिन मुझे धर्म से निकालते थे। वे तो मेरे पहले भी दुश्मन थे और आज भी दुश्मन हैं। मेरा एक ही सिर है, जिसे वे काटने पर तुले हुए हैं।
महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने वसीम रिजवी को सनातन धर्म में प्रवेश दिलाया। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने नरसिंहानंद गिरि से भी बातचीत की। पढ़िए उन्होंने रिजवी के सनातन धर्म अपनाने को लेकर क्या कहा…
सवाल: आपकी वसीम रिजवी से पहली बार कब और क्या बात हुई थी?
जवाब: रिजवी ने मुझे 2 नवंबर को फोन किया था। वे मोहम्मद पर लिखी अपनी किताब का मुझसे विमोचन करवाना चाहते थे। मैंने इसे खुशी से स्वीकार किया और अपने आश्रम में इस किताब का विमोचन किया। इसके बाद 12 नवंबर को हरिद्वार के प्रेस क्लब में इस किताब का विमोचन किया। उनके साथ जो वक्त मैंने बिताया, उससे मुझे महसूस हुआ रिजवी से सच्चा और दिलेर आदमी देश में नहीं है। तब से मैं उनका सम्मान करने लगा हूं। आज वे हमारे परिवार में शामिल हुए हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है।
सवाल: आपको रिजवी की सुरक्षा को लेकर कोई डर है?
जवाब: हम इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री जल्द ही बात करेंगे। इस बारे में खुद योगी जी को मैं पत्र लिखूंगा। हमारे और साथी इस बारे में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। जो आतंकवादी और जिहादी लोग हैं, वो इनकी जान के पीछे पहले भी पड़े थे और अब तो और भी खतरा बढ़ गया है। हमारे समाज के लिए इनका सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए हम पूरा प्रयास करेंगे।
सवाल: अब रिजवी सनातन धर्म में शामिल हो गए हैं, आगे क्या रूपरेखा रहेगी?
जवाब: इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी। मैं यही कहूंगा कि यहां लगभग 95% आबादी मुसलमानों की है, वो कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए पूरा प्रशासन अलर्ट है। आगे क्या होगा देखेंगे, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि किसी प्रकार का अन्याय उनके साथ न हो। हमारी तो बस यही सोच है कि वह सनातन धर्म में अपना जीवन मानवता की सेवा में लगाएं और मानव कल्याण के कार्य करें।
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