देश में पर्याप्त कोयला: वित्त मंत्री सीतारमण ने कोयले की कमी को लेकर आ रहीं खबरों को ठहराया बेबुनियाद, कहा ‘देश में कोयले की कोई कमी नहीं’

देश में पर्याप्त कोयला: वित्त मंत्री सीतारमण ने कोयले की कमी को लेकर आ रहीं खबरों को ठहराया बेबुनियाद, कहा ‘देश में कोयले की कोई कमी नहीं’

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नई दिल्ली8 घंटे पहले

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देश में पर्याप्त कोयला: वित्त मंत्री सीतारमण ने कोयले की कमी को लेकर आ रहीं खबरों को ठहराया बेबुनियाद, कहा ‘देश में कोयले की कोई कमी नहीं’

कुछ दिनों से देश में थर्मल पावर प्‍लांट में कोयले की कमी की बातें सामने आ रही हैं। इसके चलने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कुछ राज्यों में बिजली संकट की बातें कही जा रही हैं। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस तमाम बातों और खबरों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि देश में कोयले की कहीं कोई कमी नहीं है।

प्लांट्स के पास अगले चार दिनों का स्टॉक उपलब्ध
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका के दौरे पर हैं और वहीं हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर उनसे भारत में कोयले की कमी की रिपोर्ट के बारे में पूछा था। इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है। देश में चल रही कोयले की कमी की खबरें गलत हैं।

भारत एक पावर सरप्लस देश है। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री आरके सिंह दो दिन पहले ही कह चुके हैं कि कोयले की कमी से जुड़ी बिल्कुल निराधार रिपोर्ट्स चल रही हैं। किसी चीज की कमी नहीं है। बिजली बनाने वाले हर प्लांट्स के पास अगले चार दिनों का स्टॉक उपलब्ध है और आने वाले दिनों में सभी को बिजली मिलती रहेगी।

कोल इंडिया के पास फिलहाल 22 दिनों का कोयला स्टॉक
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया के पास फिलहाल 22 दिनों का कोयला स्टॉक है और आपूर्ति बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम पूरे देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जरूरत के मुताबिक कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।

दिल्ली में बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं हुई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं हुई, क्योंकि उन्हें जरूरी मात्रा में बिजली की आपूर्ति की गयी थी।

थर्मल प्लांट्स में कोयले के भंडार की कमी
सेंट्रल इलैक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक, देश थर्मल प्लांट्स में कोयले के भंडार की कमी का सामना कर रहा है, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है। 5 अक्टूबर को पावर जनरेशन के लिए कोयले का उपयोग करने वाले 135 थर्मल प्लांट में से 106 या लगभग 80 प्रतिशत या तो क्रिटिकल या सुपर क्रिटिकल स्टेज में थे, यानी उनके पास अगले 6-7 दिनों के लिए ही स्टॉक था।

भारत कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
कोयला उत्पादन के क्षेत्र में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। ग्लोबल एनर्जी स्टेटिस्टिकल इयरबुक 2021 के मुताबिक कोयला उत्पादन में चीन सबसे आगे है। हर साल चीन 3,743 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करता है। वहीं, भारत हर साल 779 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर दूसरे नंबर पर है। इसके बावजूद भारत को अपनी जरूरत का 20 से 25% कोयला दूसरे देशों से इम्पोर्ट करना पड़ता है। इसका कारण देश में बिजली की ज्यादा खपत है।

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