देश को मिल सकती हैं पहली महिला CJI: जस्टिस बी.वी. नागरत्ना 2027 में बन सकती हैं चीफ जस्टिस, कॉलेजियम ने रिकमंड किए 9 जजों के नाम

देश को मिल सकती हैं पहली महिला CJI: जस्टिस बी.वी. नागरत्ना 2027 में बन सकती हैं चीफ जस्टिस, कॉलेजियम ने रिकमंड किए 9 जजों के नाम

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नई दिल्ली7 घंटे पहले

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देश को मिल सकती हैं पहली महिला CJI: जस्टिस बी.वी. नागरत्ना 2027 में बन सकती हैं चीफ जस्टिस, कॉलेजियम ने रिकमंड किए 9 जजों के नाम

जस्टिस बी.वी. नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं। मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस नागरत्ना समेत 9 जजों के नाम पदोन्नति के लिए रिकमंड किए हैं। जस्टिस नागरत्ना अभी कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगर जस्टिस नागरत्ना के नाम को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो वे 2027 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकती हैं। हालांकि, उनका वह कार्यकाल एक महीने से कुछ ही ज्यादा समय का रहेगा। जस्टिस नागरत्ना के पिता जस्टिस ई.एस. वेंकटरमैया भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। उन्होंने 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 तक ये पद संभाला है।

मीडिया रिपोर्टिंग पर CJI नाराज

हालांकि, CJI एनवी रमना कॉलेेजियम की रिकमंडेशन पर की गई रिपोर्टोें पर नाराजगी जाहिर की है। CJI ने कहा है कि इस तरह की रिकमंडेशन पर रिपोर्ट करते वक्त मीडिया के साथियों को जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। उन्होंने मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे गंभीर विषयों पर अंदाजा लगाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जजों के अपॉइंटमेंट को लेकर मीटिंग होगी और तब फैसला लिया जाएगा।​​​​​​​

जस्टिस नगरत्ना ने मीडिया रेगुलेशन सिस्टम की बात कही थी
जस्टिस नागरत्ना 2008 में कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त की गई थीं, 2010 में उन्हें परमानेंट जज नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने कमर्शियल और संवैधानिक कानूनों के आधार पर कई अहम निर्णय दिए हैं। इसके अलावा 2012 में फेक न्यूज के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जस्टिस नागरत्ना और अन्य जजों ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि वे मीडिया ब्रॉडकास्टिंग को रेगुलेट करने की संभावनाओं की जांच करें। हालांकि, उन्होंने मीडिया पर सरकारी नियंत्रण के खतरों से भी आगाह किया था।

CJI रंजन गोगोई के रिटायरमेंट के बाद SC में कोई नियुक्ति नहीं
सुप्रीम कोर्ट से 12 अगस्त को जस्टिस आर.एफ. नरीमन के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या घटकर 25 हो गई है, जबकि चीफ जस्टिस समेत 34 जजों के पद यहां पर हैं। अगर ये रिकमंडेशन मान ली जाती हैं तो सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 33 हो जाएगी और एक जगह बचेगी। सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस नवीन सिन्हा भी रिटायर हो रहे हैं। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के 19 मार्च 2019 में रिटायरमेंट के बाद अभी तक सुप्रीम कोर्ट में एक भी नियुक्ति नहीं की गई है।

9 रिकमंडेशन में से 3 महिला जज
सूत्रों के मुताबिक कॉलेजियम ने जिन 9 जजों के नामों को रिकमेंड किया है, उनमें 3 महिलाएं हैं। जस्टिस नागरत्ना के अलावा जस्टिस तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जज बेला त्रिवेदी के नाम भी रिकमेंड किए गए हैं।

इनके अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीतेंद्र कुमार माहेश्वरी, केरल हाईकोर्ट के जज सी.टी. रवि और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश के नाम सुप्रीम कोर्ट में एलीवेशन के लिए रिकमंड किए गए हैं।

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