दुनिया में ओमिक्रॉन की दहशत: डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या ने कहा- वैरिएंट कोई भी हो, वैक्सीन को बिल्कुल बेकार नहीं कर सकता
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नई दिल्ली2 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार
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डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से यूरोपीय देशों में मची खलबली का असर अब भारत में भी दिखने लगा है। शनिवार को जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को नए सिरे से एडवाइजरी जारी की है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जा रहा है। कई राज्यों ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए भी नियम सख्त किए हैं। लेकिन देश और दुनिया में मची खलबली के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन इससे आगे की बात करती हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि फिलहाल ज्यादा पैनिक इस बात से फैल रहा है कि ओमिक्रॉन पर वैक्सीन भी कारगर नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है। कोई भी वैरिएंट ऐसा नहीं होता जो शत-प्रतिशत रूप से वैक्सीन को निष्प्रभावी कर देगा। यदि शरीर में वैक्सीन की वजह से एंटीबॉडी हैं तो वे वायरस से बचाव जरूर करेंगी। लिहाजा जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें लगवानी चाहिए। डॉ. स्वामीनाथन दो और उपायों पर जोर देती हैं। पहला है-जीनोम सीक्वेंसिंग। और दूसरा-ट्रैवल बैन के बजाय यात्रियों की सख्त स्क्रीनिंग और सर्विलांस।
ओमिक्रॉन पर क्या है डॉ. सौम्या स्वामीनाथन की राय
1. जीनोम सीक्वेंसिंग 5% होना जरूरी…सबका प्रतिनिधित्व हो
कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों के 5% की जीनोम सीक्वेसिंग जरूरी है। उन जगहों से ज्यादा सीक्वेसिंग हो जहां अचानक मरीजों की संख्या बढ़ी हो या लगातार ज्यादा केसेज आ रहे हों। भारत के हर राज्य से जीनोम सीक्वेसिंग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो।
2. विदेशी यात्री के पास निगेटिव रिपोर्ट हो तो फिर जांच हो
किसी वैरिएंट की वजह से कुछ चुनिंदा देशों से यात्रा पर बैन का निर्णय कारगर नहीं होगा। जरूरी नहीं है कि सिर्फ अफ्रीकी देशों में यह वैरिएंट हो। रोज नए देश इस लिस्ट में आ रहे हैं। यात्री के पास पूर्व की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट हो तो भी दो से चार दिन बाद जांच हो।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के फैसले पर पुनर्विचार होगा
कर्नाटक समेत कई राज्यों ने ‘एट रिस्क’ की श्रेणी वाले देशों से आ रहे सभी यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने न सिर्फ 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के फैसले की समीक्षा की बात कही है, बल्कि विदेश से आने वाले यात्रियों की मॉनिटरिंग और टेस्टिंग के एसओपी भी सख्त करने के संकेत दिए हैं। मगर अभी भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग में यात्रियों का अनुपात कम है। जिन 68 हजार नमूनों के लीनेज जांचे गए उनमें से सिर्फ 5 हजार ही विदेश से आए यात्रियों के थे। हालांकि अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों को सचेत किया है।
भारत में ओमिक्रॉन अब तक नहीं
एनसीडीसी ने पुराने सैंपल्स दोबारा जांच यह स्पष्ट किया है कि पहले ओमिक्रॉन भारत में नहीं दिखा। द. अफ्रीका से बेंगलुरू लौटे दो यात्री जो पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें भी ओमिक्रॉन नहीं, डेल्टा वैरिएंट मिला।
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