दिवाली पर ‘सास की जुबान’ पौधे की डिमांड: प्लांट्स ने ली सोनपापड़ी की जगह, चाइनीज लाइट के बाद चाइनीज प्लांट का भी बाजार पर कब्जा
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निशा सिन्हा7 घंटे पहले
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- दिवाली पर उपहार देने के लिए 60 से 80% मांग बढ़ी
- प्रदूषण और सेहत को लेकर अलर्ट हो रहे लोग
नर्सरी वालों को आज बात करने की भी फुरसत नहीं। आम दिनों की तुलना में दिवाली पर 60 से 80 % पाैधों की मांग बढ़ जाती है। देसी स्नेक प्लांट के साथ-साथ चाइनीज पीस लिली और लिपस्टिक प्लांट भी गिफ्ट देने के लिए खरीदे जा रहे हैं।
धनतेरस के पहले से ही ऑर्डर आने शुरू
दिल्ली में राजधानी नर्सरी के जहरुल हसन कहते हैं, “ धनतेरस के पहले से ही सांस लेने की फुरसत नहीं है। आज सुबह का पहला ग्राहक ही 40 पौधे ले गया। ज्यादातर एनवायरमेंट में मौजूद पॉल्यूशन को सोखने वाले पौधे ही लोगों की पहली पसंद हैं। पिछले 3-4 साल से उपहार के रूप में पौधे की मांग बढ़ी है। इस फेस्टिवल पर प्लांट्स की खरीद में 80% तक बढ़त देखी गई है।”
फरीदाबाद सेक्टर 86 की अदिति नर्सरी से अमरीश सैन बताते हैं, “ दिवाली पर उपहार के रूप में बांटने के लिए दिल्ली की एक कंपनी से हजार पाैधों का ऑर्डर आया है। पिछले 3 सालों से दिवाली पर लगातार ऐसे ऑर्डर आ रहे हैं। कुछ जगहों पर बोनसाई को दीयों से सजा कर भी भिजवा रहा हूं। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ सालों में दिवाली की मिठाइयों की जगह पौधों ने ले ली है। आम दिनों की तुलना में प्लांट्स की बिक्री में 80% इजाफा हो गया है। ”
दिवाली पर गिफ्ट में पौधे देने का ट्रेंड बढ़ा
चीन के प्लांट्स से बन रही इंडिया में दिवाली
उपहार के रूप में देने के लिए स्नेक प्लांट (मदर इनलॉज टंग यानी सास की जुबान ) और पीस लिली टॉप की पसंद है। चीन से मंगाई गई पीस लिली सबसे अच्छी वैराइटी की होती है। इसके अलावा पुणे, कोलकाता से भी दिल्ली में पौधे मंगाए जाते हैं। अदिति नर्सरी के अमरीश सैनी भी स्वीकारते हैं कि चीन का लिपस्टिक प्लांट भी ट्रेंड में है।
मदर इनलॉज टंग में हवा को साफ करने का गुण होता है।
टॉप की पसंद बना सास की जुबान
लगभग सभी नर्सरी वालों ने यह स्वीकारा कि मदर इनलॉज टंग की मांग इन दिनों बढ़ जाती है। हंसी-मजाक की भाषा में ‘सास की जुबान’ के नाम से मशहूर इस पाैधे में हानिकारक केमिकल्स सोखने का जबरदस्त गुण होता है। पॉल्यूशन को काबू में करने वाले स्पाइडर प्लांट, मनी प्लांट, पीस लिली की भी तेजी से बिक्री हो रही है। नर्सरी वाले इससे भी पूरी तरह सहमत है कि कोविड के बाद से हर्बल पाैधों की डिमांड बढ़ी है। कुछ लाेग इन पौधों को भी दिवाली उपहार के रूप में दे रहे हैं।
चीन से आ रहा सफेद फूलों वाला पीस लिली
लकी प्लांट पीछे छूट गया
जेड प्लांट को लक से जोड़ा जाता है। लेकिन इस दिवाली पर जेड की तुलना में हवा को शुद्ध करने वाले और सेहत की रखवाली करने वाले पाैधे की डिमांड बढ़ी है। पर्यारण मित्र विमलेन्दु झा भी मानते हैं कि पॉल्यूशन को लेकर लोगों में आई जागरूकता के कारण ही फेस्टिवल पर यह नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। हमारा माली नर्सरी के फैसल अली खान का कहना हैं कि पिछले कुछ साल से प्रदूषण काे लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। वन विभाग की ओर भी खूब पौधे लगाए जा रहे हैं। मेरी नर्सरी से भी वन विभाग को पौधे सप्लाई किए गए हैं।
रैपिंग पेपर जलने से बढ़ता है प्रदूषण
पटाखों से भी खतरनाक पैकिंग पेपर मटेरियल
SAFAR 2017 की दिवाली रिपाेर्ट के अनुसार दिवाली के दूसरे दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। दिल्ली के एअर क्वॉलिटी मैनजमेंट पूर्व हेड डॉ. दीपंकर साहा यह स्वीकारते हैं कि दिवाली के बाद पटाखों से पॉल्यूशन तो बढ़ता ही है साथ ही उपहारों को पैक करने वाले पेपर को जलाने का भी पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। हलांकि दिवाली के आसपास हवा बहती हैं, तो प्रदूषण का खतरा कम हो जाता है। दिल्ली में एक आदमी पर कूड़े का भार 300 ग्राम से बढ़ कर 500 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गया है। इसमें रैपिंग पेपर भी शामिल है। इन कू्ड़ों को जलाने से भी प्रदूषण पर बहुत बुरा असर पड़ा है।
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