दलितों के बहिष्कार के बाद छातर पहुंचा प्रशासन: अधिकारियों ने की परिवारों से बात, बसपा नेताओं ने किया 16 को DC ऑफिस के घेराव का ऐलान
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जींद2 घंटे पहले
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जींद जिले के छातर गांव में दलित परिवारों के बहिष्कार के 15 दिन बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आ ही गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को गांव पहुंचकर परिवारों से मुलाकात की। बहुजन समाज पार्टी (BSP) का प्रतिनिधिमंडल भी गांव में प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचा। इस मुद्दे पर जिले में पिछड़ी जातियों से जुड़े संगठनों और बसपा ने 16 अक्टूबर को जींद जिला मुख्यालय पर डीसी कार्यालय के घेराव का ऐलान किया है। इस घेराव में भीड़ जुटाने के लिए गांव-गांव जाकर न्योता दिया जा रहा है।
टीम के साथ गांव पहुंची समाज कल्याण अधिकारी
नरवाना की समाज कल्याण अधिकारी संतरो देवी ने छातर गांव का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से बातचीत की। समाज कल्याण अधिकारी के साथ उनकी टीम भी थी जिसने गांव में जरूरी साक्ष्य जुटाए। इस बारे में पूछे जाने पर समाज कल्याण अधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने इतना ही कहा कि जांच जारी है। इससे पहले बुधवार शाम को उचाना के एसडीएम राजेश कोथ और डीएसपी जितेंद्र सिंह ने भी गांव का दौरा कर सभी जातियों के लोगों के साथ बैठक की।
जींद के छातर गांव पहुंची नरवाना की समाज कल्याण अधिकारी संतरो देवी
बसपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा गांव
छातर गांव में 150 दलित परिवारों के सामाजिक बहिष्कार की जानकारी मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचा और इन परिवारों से बातचीत की। इस प्रतिनिधिमंडल में बसपा के जींद प्रभारी अनिल रंगा, बनारसी दास, राजेश करसिन्धु और सत्यवान अलीपुरा शामिल रहे। गांव में हुए घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद बसपा नेता राजेश करसिन्धु ने कहा कि उनकी पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। पुलिस गांव के दबंगों के दबाव में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही इसलिए 16 अक्टूबर को जींद में डीसी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
छातर गांव में दलित परिवारों से जानकारी लेते बसपा के नेता।
खापड गांव के सामाजिक बहिष्कार का मामला भी उठा
छातर गांव में दलित परिवारों के सामाजिक बहिष्कार के बाद उचाना विधानसभा क्षेत्र के ही खापड़ गांव का मामला भी फिर सुर्खियों में है। खापड़ गांव में चोरी का शक जताते हुए एक अनुसूचित जाति के बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद उचाना थाने में आठ लोगों के खिलाफ केस तो दर्ज किया गया मगर आज तक उन सबकी गिरफ्तारी नही हो पाई। आरोप लग रहे हैं कि खापड़ गांव के दबंग लोग अनुसूचित जाति के परिवारों पर केस वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं और ऐसा न करने पर उनका बहिष्कार किया जा रहा है। बसपा नेता राजेश करसिन्धु ने कहा कि 16 अक्टूबर को जींद में होने वाले प्रदर्शन में खापड़ गांव की घटना को भी उठाया जाएगा।
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