तालिबान संकट के बीच इस्लामिक स्टेट का भी बढ़ा खतरा, कर रहा है नई भर्तियां; यूएन ने रिपोर्ट में बताया
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अफगानिस्तान में तालिबान के उभार के साथ आतंकवाद एक बार फिर पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। वहीं इस चिंता को बढ़ाने वाली एक और खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट इराक में नई भर्तियां कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आईएस उन तालिबानियों को भी अपने साथ आने का लालच दे रहा है जो अमेरिका और अफगान-तालिबान की शांतिवार्ता से खुश नहीं हैं।
बना लिए हैं स्लीपर सेल्स
रिपोर्ट में अफगानिस्तान की लचर हालात को लेकर भी चिंता जताई गई है। इसके मुताबिक इस्लामिक स्टेट काबुल और अन्य इलाकों में खुद को मजबूत कर रहा है। यहीं से वह अल्पसंख्यकों, सुधारकों, सरकारी कर्मचारियों और अफगानी राष्ट्रीय सुरक्षा बल के लोगों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाता है। रिपोर्ट के मुताबिक इराक और लेवेंट-खोरासन में मौजूद इस्लामिक स्टेट अन्य प्रांतों में भी पहुंच गया है। वहां पर इसने स्लीपर सेल्स भी बना लिए हैं। यह स्लीपर सेल्स, नूरिस्तान, बदगीस, सारी पुल, बागलां, बदक्षां, कुंदूज और काबुल में सक्रिय हैं। यहां तक कि 2020 में कुनार और नागरहर प्रांत में जानमाल के नुकसान के बावजूद सक्रिय किए जा रहे हैं।
नए समर्थकों की कर रहे हैं भर्ती
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में खासतौर पर इस बात पर जोर दिया गया है कि इराक और लेवांत-खोरासन में इस्लामिक स्टेट उभार की पूरी कोशिश में लगा है। इसका सबसे भयावह पहलू यह है कि इसमें उन तालिबानी लड़कों को भर्ती किया जा रहा है, जो अफगानिस्तान में तालिबान-अमेरिका शांतिवार्ता के समर्थक नहीं हैं। इसके अलावा सीरिया, अरब और इराक के युद्ध क्षेत्रों से भी भर्तियां की जा रही हैं। अनुमान के मुताबिक आईएसआई के लेवांत-खोरासन में हजारों की संख्या में लड़ाके हैं। वहीं एक अन्य अनुमान में बताया गया है कि यह संख्या कम से कम 10 हजार की हो सकती है।
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