तालिबान को शामिल करना चाहता था पाक, ज्यादातर देशों ने किया विरोध; सार्क के विदेश मंत्रियों की बैठक रद्द
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पाकिस्तान की जिद की वजह से आखिरकार सार्क विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक रद्द हो गई है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान का तालिबान प्रेम काफी परवान पर है। सार्क विदेश मंत्रियों की इस अहम बैठक से पहले भी पाकिस्तान इस बात पर लगातार जोर देता रहा कि अफगानिस्तान पर बंदूक की नोंक पर कब्जा जमाने वाले तालिबान को भी इस बैठक में शामिल किया जाए। कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में यह बैठक वर्चुअली हुई थी।
इस बार साउथ एशिय़न एसोसिएशन ऑफ रिजनल कॉरपोरेशन काउंसिल के मंत्रियों की बैठक 25 सितंबर को होनी थी। लेकिन इस बैठक को रद्द कर दिया गया है। इस बैठक के कैंसिल होने के बाद नेपाल के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी सदस्यों के बीच सहमति ना बन पाने की वजह से बैठक कैंसिल हो गई है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सार्क में शामिल कई सदस्यों ने पाकिस्तान की अपील को ठुकरा दिया है। ज्यादातर सदस्य तालिबान को अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर इस बैठक में शामिल करने पर राजी नहीं थे। पाकिस्तान की तरफ से यह भी कहा गया था कि अशरफ गनी के किसी भी प्रतिनिधि को इस बैठक में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) मंत्रिपरिषद की अनौपचारिक बैठक 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र से इतर न्यूयॉर्क में व्यक्तिगत रूप से होनी थी। सार्क देशों की बैठक रद्द होने के संबंध में आधिकारिक पत्र जारी हो गया है। इस साल की बैठक के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मंच से पाकिस्तान का नाम लिए बिना क्षेत्र में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंता जाहिर करने वाले थे। इसके साथ ही अफगानिस्तान में हाल ही में हुए तालिबान के बाद वहां की स्थिति को लेकर भी बैठक में चर्चा की जाने वाली थी।
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