तालिबान के लिए चीन बेकरार! अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक से अपील, अफगानिस्तान को दें फंड
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अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मान्यता दिलाने के लिए पाकिस्तान और चीन बेकरार हैं। दोनों देश कई अलग-अलग तरह से कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान को मान्यता दी जाए। चीन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक से गुजारिश की है कि वो अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता प्रदान करे। ‘Pajhwok Afghan News’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीनी संसद के जनप्रतिनिधि उन झांग जून ने कहा, ‘हमने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक से आग्रह किया है कि अफगानिस्तान को फंड मुहैया कराए।
यूएन सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए डिप्लोमैट ने कहा कि जो देश की मदद की जाए उन्हें आर्थिक सहयोग मुहैया कराई जाए ताकि वहां मुमकिन विकास हो सके। रूस की TASS news agency ने बताया कि चीनी जनप्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वहां भूखमरी के पैदा होते हालात के मद्देनजर मानवता के आधार पर जरुरी कदम उठाए जाने की जरुरत है।
बता दें कि चीन काफी पहले से ही तालिबान की तरफदारी में जुटा हुआ है। कुछ समय पहले चीन की तरफ से कहा गया था कि तालिबान अब खुला नजरिया रखता है और वो काफी विवेकशील है। वह हमारी आशाओं पर खरा उतरेगा। इसमें महिला के अधिकार की रक्षा की बात भी कही गई थी।
चीन अफगानिस्तान के नए नेताओं के खिलाफ के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से हटाने की मांग भी कर चुका है । चीन ने अफगनिस्तान कि खराब इकॉनमी को देखते हुए कहा था कि वह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में मदद करने को तैयार है।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 25 अक्टूबर को कतर के दोहा में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल को बीजिंग और तालिबान के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह बात कही थी। चीनी सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक वांग ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान के साथ ‘तर्कसंगत और व्यावहारिक तरीके से काम करना चाहिए।
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