ढाई लाख अमेरिकियों को ठगा: कानपुर में ठगी के इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा, लोन का झांसा देकर विदेशी नागरिकों को लगाते थे चूना; मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठा

ढाई लाख अमेरिकियों को ठगा: कानपुर में ठगी के इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा, लोन का झांसा देकर विदेशी नागरिकों को लगाते थे चूना; मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठा

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कानपुर2 घंटे पहले

अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का खुलासा।

कानपुर के हंसपुरम नौबस्ता इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी करके ठगी के कॉल सेंटर का खुलासा किया है। यहां से विदेशी नागरिकों को होम लोन और पर्सनल लोन का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। यह कॉल सेंटर इंटर और बीएससी के छात्र संचालित कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया है कि इस तरह के एक दर्जन से ज्यादा कॉल सेंटर शहर में चल रहे हैं।

गुरुवार देर रात करीब पौने तीन बजे ये सारे ठग पकड़े गए हैं। इनके पास से ढाई लाख अमेरिकी नागरिकों का डेटा बरामद हुआ है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, अब तक मिले सबूतों के अनुसार इन लोगों ने विदेशियों को करीब 80 लाख रुपए का चूना लगाया है। मौके से पकड़े गए दो अभियुक्तों की पहचान नौबस्ता हंसपुरम निवासी रवि शुक्ला और आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता निवासी विशाल सिंह सेंगर के रूप में हुई है।

मामा के मकान से कॉल सेंटर संचालित कर रहा था सरगना
जांच में सामने आया कि रवि अपने मामा के मकान में यह कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। पूछताछ में रवि ने बताया कि वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआइपी) से कॉल करके अमेरिकी नागरिकों को कम ब्याज पर होम लोन और पर्सनल लोन का झांसा देकर फंसाते थे।

जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली में बैठा ठगी का मास्टरमाइंड कॉल सेंटर खुलवाकर कानपुर में जाल फैला रखा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली रवाना हो गई।

विदेशी नागरिकों को ये वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाॅल (VOIP) के जरिए कॉल करते थे।

विदेशी नागरिकों को ये वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाॅल (VOIP) के जरिए कॉल करते थे।

लोन स्कीम की हर स्टेप में था ठगी का जाल
अंग्रेजी में बात करने में माहिर अभियुक्तों को चेजर कहा जाता है। यह चेजर लोगों से अमेरिकन लैंग्वेज में बात करते थे। जो इनके झांसे में आ गया उससे लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर सबसे पहले 300 से 500 डॉलर, फिर क्लोजिंग कास्ट के नाम पर लोन राशि का दो प्रतिशत, एडवांस रीपेमेंट के नाम पर 800 से 900 डॉलर, लोन के इंश्योरेंस के नाम पर फीस लेते थे। कई लोग जो सही रिस्पांस न देने पर काॅल करके लोन कैंसिल करवाते थे, उनसे कैंसिलेशन के नाम पर फीस लेते थे। इसी तरह हर स्टेप पर ठगी करते थे।

बिट क्वाइन, क्रिप्टोकरेंसी और गिफ्ट कार्ड के रूप में लेते थे पेमेंट

कुछ दिन पहले भी शहर के काकादेव में इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा हुआ था।

कुछ दिन पहले भी शहर के काकादेव में इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा हुआ था।

पेमेंट के लिए ठगी गैंग क्रिप्टोकरेंसी के कई ऐप का इस्तेमाल करके बिटक्वाइन के जरिये पैसे लेता था। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी के एप जिनमें क्वाइन स्विच एप, वजीर एक्स ऐप का इस्तेमाल हो रहा था। कई पेमेंट गिफ्ट कार्ड के रूप में भी लिए जाते थे। कुछ पेमेंट एकाउंट से वाया ट्रांसफर से भी लिया जाता था। नोएडा में बैठा एक और व्यक्ति इन सारे ऐप से आया पैसा इनके खाते में इन कैश करता था। जब अमेरिकन लोगों को अपने साथ हुए फ्राड की जानकारी मिलती थी तो वह पलटकर फोन करते थे, लेकिन तब उनका नंबर ब्लॉक अभियुक्तों द्वारा ब्लॉक किया जा चुका होता था।

ठगी के लिए वीओआईपी कॉल का इस्तेमाल
अमेरिकी नागरिकों को काल करने के लिए वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए टेक्स्ट नाऊ सोनोटेल का प्रयोग किया जाता था। साथ ही सॉफ्ट फोन डायलर का भी प्रयोग करते थे। इसके दो ऐप थे। पहला था एक्सटेन और दूसरा एक्सलाइफ ऐप था। इसके माध्यम से फोन करके बात की जाती थी।

2.50 अमेरिकी नागरिकों का डाटा मिला
इससे पहले काकादेव में पकड़े गए कॉल सेंटर की जांच पड़ताल में ही इस कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान इसकी जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच ने छापेमारी करके ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 5 हार्ड डिस्क, 1 लैपटॉप, 2 मोबाइल बरामद हुए हैं। लैपटॉप में 2.50 लाख विदेशी लोगों का डाटा मिला है। साथ ही कई अमेरिकी लोन देने वाली कंपनियों के फॉर्म फारमेट भी सेव मिले हैं।

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