डेल्टा वैरिएंट ने फिर डराया: कोरोना का एक मरीज अब एक से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा, एक महीने में R वैल्यू 0.93 से बढ़कर 1.01 हुई
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नई दिल्ली24 मिनट पहले
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जम्मू कश्मीर के बडगाम में वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत ईंट भट्टे में काम करने वाले मजदूरों का टीकाकरण किया गया।
दुनियाभर में चिंता का कारण बने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में संक्रमण के केस बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंस के मुताबिक देश में R वैल्यू की दर एक महीने के अंदर 0.93 से बढ़कर 1.01 फीसदी हो गई है। यानी अब कोरोना का एक मरीज एक से ज्यादा व्यक्ति तक संक्रमण फैला रहा है।
क्या है कोरोना की R वैल्यू ?
डेटा साइंटिस्ट्स के मुताबिक R फैक्टर, यानी रीप्रोडक्शन रेट। यह बताता है कि एक इन्फेक्टेड व्यक्ति से कितने लोग इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर R फैक्टर 1.0 से अधिक है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं। वहीं, R फैक्टर का 1.0 से कम होना या कम होते जाना केस घटने का संकेत होता है।
इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि अगर 100 व्यक्ति इन्फेक्टेड हैं। वह 100 लोगों को इन्फेक्ट करते हैं तो R वैल्यू 1 होगी। पर अगर वे 80 लोगों को इन्फेक्ट कर पा रहे हैं तो यह R वैल्यू 0.80 होगी।
R वैल्यू का बढ़ना क्यों चिंताजनक?
मार्च में R वैल्यू बढ़कर 1.4 हो गई थी। इसके बाद देश में 9 मई 2021 के बाद R वैल्यू में गिरावट आई थी। 15 मई से 26 जून के बीच यह घटकर 0.78 रह गई थी। पर 20 जून के बाद यह बढ़कर 0.88 हो गई। अब R वैल्यू 1.01 हो गई है। यानी केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे, इस वैल्यू का बढ़ना चिंताजनक है।
चेचक से भी ज्यादा तेजी से फैल सकता है डेल्टा वैरिएंट
इससे पहले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंता जाहिर कर चुकै हैं। अमेरिकी स्टडी में खुलासा हुआ था कि कोरोना का यह वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह लोगों में तेजी से फैल सकता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की यह स्टडी अभी पब्लिश नहीं हुई है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स में इसका एक डॉक्युमेंट छपा है। कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में डेल्टा ज्यादा संक्रामक है। कुछ दिनों पहले UK में कोरोना पीड़ितों में 99% केस डेल्टा के मिले थे।
वायरस पर की गई स्टडी में चिंताजनक बात ये भी थी कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोग भी वैक्सीन न लगवाने वालों की तरह ही डेल्टा वैरिएंट को फैला सकते हैं। CDC के डायरेक्टर डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने बताया था कि वैक्सीनेशन करा चुके लोगों की नाक और गले में उतना ही वायरस होता है, जितना कि टीकाकरण न कराने वालों में, जिससे ये आसानी से फैल जाता है।
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