जुलाई में पिछड़ा मानसून: देश भर में पिछले महीने 7% कम बरसात, मौसम विभाग ने सामान्य बारिश का अनुमान जताया था

जुलाई में पिछड़ा मानसून: देश भर में पिछले महीने 7% कम बरसात, मौसम विभाग ने सामान्य बारिश का अनुमान जताया था

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Monsoon News And Updates | IMD Said Rainfall Seven Pc Below Normal In July

नई दिल्ली14 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
जुलाई में पिछड़ा मानसून: देश भर में पिछले महीने 7% कम बरसात, मौसम विभाग ने सामान्य बारिश का अनुमान जताया था

देश के कई इलाकों में बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाओं के बीच मौसम विभाग ने जुलाई में बारिश के आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक, पिछले महीने देश भर में सामान्य से 7% कम बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून ने रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन आखिर में यह महीना 7% की कमी के साथ खत्म हुआ।

IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि जुलाई में बारिश -7% रही। यह लॉन्ग पीरियड एवरेज का लगभग 93% है। 96-104 की रेंज में सामान्य और 90-96 की रेंज को सामान्य से कम माना जाता है। IMD ने जुलाई में सामान्य बारिश का अनुमान जताया था।

महाराष्ट्र ने झेली महा बाढ़
जुलाई में कोस्टल और सेंट्रल महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक में बहुत ज्यादा बारिश दर्ज की गई। महाराष्ट्र के कई कस्बों और शहरों में भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड की कई घटनाएं हुईं। इनमें कई लोगों की जान चली गई और संपत्ति को नुकसान हुआ।

महाराष्ट्र के सांगली में हुई बारिश के बाद सड़क पर दो फीट तक पानी भर गया।

महाराष्ट्र के सांगली में हुई बारिश के बाद सड़क पर दो फीट तक पानी भर गया।

उत्तर भारतीय राज्यों जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में भी बादल फटने की घटनाएं देखी गईं। इसमें भी कई लोगों की जान गई। दिल्ली में भी बहुत अच्छी बारिश दर्ज की गई है। इन सबके बावजूद जुलाई में मानसून अपना कोटा पूरा नहीं कर पाया।

3 जून को केरल पहुंचा था मानसून
महापात्रा ने कहा कि हमने जुलाई के लिए सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की थी, जो LPA का लगभग 96% थी। जुलाई का महीना देश में सबसे ज्यादा बारिश लाता है, लेकिन 8 जुलाई तक उत्तर भारत में कहीं बारिश नहीं हुई। इस वजह से यह कमी दर्ज की गई है।

फोटो जयपुर किले की है। यहां रविवार को काले बादल छाए रहे।

फोटो जयपुर किले की है। यहां रविवार को काले बादल छाए रहे।

दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने नॉर्मल शेड्यूल से दो दिन बाद 3 जून को केरल पहुंचा था। 19 जून तक इसने बहुत तेजी से पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया। इसके बाद यह धीमा पड़ गया और कई इलाकों को बारिश का इंतजार करना पड़ा। 8 जुलाई से मानसूनी बारिश का दौर दोबारा शुरू हुआ।

अजमेर की पुष्कर झील में पानी का लेवल बारिश की वजह से काफी बढ़ गया है।

अजमेर की पुष्कर झील में पानी का लेवल बारिश की वजह से काफी बढ़ गया है।

दो महीनों में सामान्य से 1% कम बारिश
दक्षिण पश्चिम मानसून 16 दिन की देरी के बाद 13 जुलाई को दिल्ली पहुंचा। उसी दिन यह पूरे देश में छा गया। इससे पहले जून में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई थी। 4 महीने के सीजन में जुलाई और अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश होती है।

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 28 मिमी बारिश हुई है। यहां यमुना खतरे के निशान के करीब है।

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 28 मिमी बारिश हुई है। यहां यमुना खतरे के निशान के करीब है।

कुल मिलाकर, देश में 1 जून से 31 जुलाई तक सामान्य से एक फीसदी कम बारिश हुई है। IMD के ईस्ट और नॉर्थ-वेस्ट सब डिवीजन में 13% कम बारिश हुई। उत्तर भारत को कवर करने वाले नॉर्थ-वेस्ट डिवीजन में 2% की कमी दर्ज की गई। दक्षिणी राज्यों को कवर करने वाले साउथ पेनिनसुला डिवीजन में 17% ज्यादा बारिश हुई। सेंट्रल इंडिया डिवीजन में सामान्य से 1% ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *