जानिए ऑनलाइन फ्रॉड से बचने को क्या करें: पुलिस ने शुरू किया सतर्कता अभियान; धोखाधड़ी करने वालों की कोई पहचान नहीं होती, इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय

जानिए ऑनलाइन फ्रॉड से बचने को क्या करें: पुलिस ने शुरू किया सतर्कता अभियान; धोखाधड़ी करने वालों की कोई पहचान नहीं होती, इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय

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अमृतसर2 घंटे पहले

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जानिए ऑनलाइन फ्रॉड से बचने को क्या करें: पुलिस ने शुरू किया सतर्कता अभियान; धोखाधड़ी करने वालों की कोई पहचान नहीं होती, इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय

पंजाब पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई ऑनलाइन ठगी से बचाव संबंधी पोस्ट।

भारत देश कैशलेस हो रहा है। सभी बैंक अपने आप को ऑनलाइन कर चुके हैं। हर ग्राहक को डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड देने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन इस ऑनलाइन व्यवस्था ने ठगी और धोखाधड़ी की घटनाओं को भी बढ़ावा दिया है। हर दिन ऑनलाइन फ्रॉड के केस दर्ज हो रहे हैं। लेकिन ठगने वालों का न कोई सुराग मिलता है और न ही उनकी कोई पहचान हो पाती है। पंजाब के अमृतसर जिले में पिछले दो महीनों में ऑनलाइन फ्रॉड के 14 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो तो पुलिसकर्मियों के साथ हुए हैं।

पंजाब पुलिस के पास अपना साइबर क्राइम सेल है। लेकिन ऑनलाइन फ्रॉड मामलों को सुलझाने में वह नाकामयाब। 14 मामलों में से पुलिस एक को भी सुलझा नहीं पाई। इतना ही नहीं कई मामलों में तो पुलिस के पास ठगी करने वाले का कोई सबूत भी नहीं है। वह अज्ञात पर ही मामले दर्ज करती है। अब पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट डालकर लोगों को स्तर्क करना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर पुलिस ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के तरीके और शॉपिंग साइट्स पर क्या स्तर्कता बरतें आदि के तरीके भी बता रही है।

हाईटेक हो चुके हैं ठग

ठग लोगों को लूटने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपनाते हैं। दो सप्ताह पहले पुलिस के पास हाल गेट चौकी का मुलाजिम शिकायत लेकर पहुंचा। उसके क्रेडिट कार्ड से पैसे निकल गए और शॉपिंग हुई। पुलिस को शक है कि उसके क्रेडिट कार्ड पर फ्रॉड करने वाला कोई बैंक का ही कर्मचारी है और वह मुम्बई में रहता है। ठग ऑनलाइन फ्रॉड करने के लिए ऐसे नंबरों का प्रयोग करते हैं, जो किसी और के नाम पर होते हैं। इतना ही नहीं कई तो ऑनलाइन विदेशी नंबर इंस्तेमाल करते हैं, ताकि पुलिस उन तक कभी पहुंच ही न पाए।

ठगी से बचने के लिए सतर्कता जरूरी

ऑनलाइन ठगी अब पंजाब पुलिस के लिए कोरोना महामारी की तरह साबित हो रही है, जिसका अभी तक कोई इलाज सामने नहीं आया है। इसलिए लोगों को सतर्क करने का ही प्रयास जारी है। पुलिस लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, ऑनलाइन शॉपिंग और इंटरनेट प्रयोग करने के तरीकों के बारे में सतर्क कर रही है।

साइबर सेल को और स्ट्रांग करने की कोशिश

पुलिश् कमिश्नर आईजी डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने जॉइनिंग के समय सबसे पहले साइबर क्राइम विभाग को स्ट्रांग करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि जैसे देश डिजिटलाइज हो रहा है, उसके साथ ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसे रोकने के लिए साइबर क्राइम को स्ट्रांग करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब भी कोई ऑनलाइन ठगी की शिकायत करेगा, उसकी शिकायत का जल्द निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा।

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