जातीय रंगत ले रहा सिंघु पर हुई हत्या का मामला: एनएससीए ने डीजीपी व हाईकोर्ट के मुख्य सचिव से बात, राष्ट्रीय एससी कमिशन की निगरानी में होगी पूरी कानूनी प्रक्रिया

जातीय रंगत ले रहा सिंघु पर हुई हत्या का मामला: एनएससीए ने डीजीपी व हाईकोर्ट के मुख्य सचिव से बात, राष्ट्रीय एससी कमिशन की निगरानी में होगी पूरी कानूनी प्रक्रिया

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Punjab
  • Ludhiana
  • NSCA Talks To DGP And Chief Secretary Of High Court, The Entire Legal Process Will Be Under The Supervision Of National SC Commission

9 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
जातीय रंगत ले रहा सिंघु पर हुई हत्या का मामला: एनएससीए ने डीजीपी व हाईकोर्ट के मुख्य सचिव से बात, राष्ट्रीय एससी कमिशन की निगरानी में होगी पूरी कानूनी प्रक्रिया

विजय सांपला

सिंघु बार्डर पर हुई व्यक्ति की निर्मम हत्या पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाती कमिश्न ने संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा नेता विजय सांपला ने इस संबंधी डीजीपी हरियाणा और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सचिव से बात की है। इस मामले की पूरी कानूनी प्रक्रिया कमिश्नर की देख रेख में होगी। यह जानकारी विजय सांपला की तरफ से उन्हें मिलने पहुंचे अनसूचित जाति गठबंधन के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ को दी है। ब यह माामला जातिय रंगत लेता दिख रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ की ओर से इस संबंधी ज्ञापन राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा है।

विजय सांपला को ज्ञापन सौंपते हुए परमजीत सिंह कैंथ

विजय सांपला को ज्ञापन सौंपते हुए परमजीत सिंह कैंथ

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन ने सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र के सिंघू बार्डर पर लखबीर सिंह की अमानवीय हत्या हुई है। उक्त व्यक्ति जिला तरनतारन निवासी लखवीर सिंह है और वह अपने पीछे 3 बेटियों को छोड़ गया है। उसका एक हाथ और पैर को काट दिया गया था। जिसे बाद में बेरीगेट से बांध दिया गया। संगठन ने मामले के संबंध में अपनी मांगों का ज्ञापन संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत गठित संवैधानिक निकाय को सौंपा है। उनकी ओर से पीड़ित के परिवार को कानूनी, आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

सिंघु बार्डर की घटना तालिबान शैली में लिंचिंग
परमजीत कैंथ ने इस पूरे घटनाक्रम को ‘तालिबान’ शैली की लिंचिंग करार दिया है। उनका मानना ​​​​है कि स्वतंत्रता के 74 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति के लोगों को भेदभाव और असमानताओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “पूरा देश इस बात से हैरान है कि लोगों में आज भी इस तरह के जघन्य अपराध की कल्पना करने का दुस्साहस है, जिसे हमने सिंघू बॉर्डर पर देखा।
परमजीत कैंथ ने यह भी कहा, “इस अपराध को ‘धार्मिक बेअदबी’ से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसे विवादास्पद बनाया जा रहा है। अपराधियों द्वारा बिना किसी डर के एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। भले ही कथित कारण कुछ भी बताया गया हो, लेकिन इस देश में किसी को भी इस तरह के अमानवीय अन्याय को अंजाम देने की आजादी नहीं है। लखबीर सिंह की हत्या एक मायने में हमारे ‘पवित्र’ संविधान की हत्या है जो अनुसूचित जाति समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के साथ-साथ अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मूल अधिकार की रक्षा करता है जो सभी की रक्षा करता है।

विजय संपला की तरफ से किया गया ट्वीट

विजय संपला की तरफ से किया गया ट्वीट

विजय सांपला ने खुद भी उठाया था मामला
इस पूरे मामले को लेकर खुद नेशनल एससी कमिश्नर के अध्यक्ष विजय सांपला ने यह मामला उठाया था। उनकी ओर से ट्वीट कर कहा गया था कि यह अनुसूचित जाती के व्यक्ति की हत्या की गई है और यह बर्दाशत योग्य नहीं है। उनकी ओर से संयुक्त किसान मोर्चा को भी इस पर स्थिति सपष्ट करने को कहा गया था। अब उनकी ओर से इस पूरे मामले की खुद निगरानी करने की बात कही जा रही है। वह खुद हरियाणा के डीजीपी और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सचिव के संपर्क में हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *