जाखड़ को सेंटर में सेट करने के प्रयास में पार्टी: जाखड़ को सेंटर पॉलिटिक्स में लेने की तैयारी, दिल्ली में हाईकमान से हो रही मीटिंग
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लुधियाना10 मिनट पहले
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सुनील जाखड़
हिंदू होने के नाते पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने के कारण हताश हुए सुनील जाखड़ दिल्ली पहुंच गए हैं। वह वहां पर राहुल गांधी समेत कांग्रेस हाईकमान के कई सीनियर नेताओं से मिल रहे हैं। क्यास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी सुनील जाखड़ को सेंटर पॉलिटिक्स में विशेष जगह लेने के लिए मना रही है। जिससे उनका कद बढ़ सके। इसे लेकर ही वह दिल्ली में मौजूद हैं और वहां रहकर नेताओं से बैठकें कर रहे हैं। वह बुधवार को ही पंजाब से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली रवाना हुए हैं। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर दोनों में काफी बातचीत हुई है और यह लगातार जारी है। हो सकता है कि पार्टी उन्हें सेंटर पॉलिटिक्स में जगह दे दे। पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद चले जाने और अब मुख्यमंत्री की कुर्सी आते आते चले जाने से वह खुद की फजीहत हुई मान रहे थे। इसका गिला उनकी ओर से खुदकर मीडिया के समक्ष जाहिर किया था और बिना नाम लिए अंबिका सोनी पर भी हमलावर रुख अखतियार किया था। इसके बाद ही उनका अचानक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली चले जाना काफी चर्चा में है। बताया जा रहा है कि उन्हें काफी पद भी आफर किए गए हैं, मगर वह पंजाब पॉलिटिक्स में बने रहना चाहते हैं। पहले प्रधानगी गई और फिर मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाए कैपटन अमरिंदर सिंह को साइड पर करने के लिए कांग्रेस हाईकमाान की तरफ से नवजोत सिंह सिद्दू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष लगाया गया था। नवजोत सिंह सिद्दू को अध्यक्ष पद दिलाने के लिए रखे गए समारोह में भी सुनील जाखड़ का दर्द छलका था। अगस्त में हुए इस समारोह के बाद वह शांत बैठ गए थे और फिर मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो उनका नाम सबसे आगे था। मगर हिंदू होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया और दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को अध्यक्ष पद दिया गया। वह पहले तो चुप रहे और दो दिन से अचानक केंद्रीय लीडरशिप पर ही आकर्मर होते नजर आए और अब दिल्ली चले गए हैं। वहां पर केंद्रीय लीडरशिप कैसे संतुष्ट कर पाती है यह देखने वाली बात होगी। कैपटन के हमलावर रुख के बाद जाखड़ की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती पार्टी कैपटन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटते ही वह आक्रामक हो गए हैं। वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ही बिना तजुर्बे वाला बता रहे हैं। जाहिर सी बात है कि वह कांग्रेस पार्टी से किनारा कर रहे हैं। पार्टी इस गंभीर मौके पर कैपटन अमरिंदर सिंह के साथ सुनील जाखड़ की नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहती है। क्योंकि पंजाब में सुनील जाखड़ का भी अपना कद है और अगर वह इस तरह से पार्टी से मुखर होकर ब्यानबाजी देते रहे तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यही कारण है कि पार्टी सुनील जाखड़ का डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है।
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