जबरन टीका कराया हाई कोर्ट बंद
जबरन टीका कराया हाई कोर्ट बंद
एक आजादी की ऐसी जीत पर जिसके लिए लड़ रहे बहुत से लोगो का और अवैयकन इंडिया इंडिया की टीम को बहुत बहुत बधाई
आजादी की जीत इसलिए क्यों खुद मुंबई हाई कोर्ट में मना वैक्सीन मेंडेट से मानवाधिकार का उलंघन होता है
तो आप भी आवाज उठाना सीखिए वार्ना ऐसे ही सुइया लगती रहेंगे कभी मास्क की तो कभी कभी महगाई की
चलिए बात करते हैं
अवैयकन इंडिया इंडिया की टीम और अधिवक्ता नीलेश ने वेक्सीन मेंडेट और भेदवाव के केस में जीत हासिल कर ली है।
हाई कोर्ट ने इस केस की सुनवाई में महारष्ट्र स्टेट गोवेर्मेंट को पुछा की आपने किस आधार पर वैक्सीन न लगवाने वाले और लगवाने वालो में भेद भाव किया हैं, जिसके आंसर में स्टेट ने कहा की हमें टास्क फाॅर्स ने रिकमंड किया था जिस पर जज ने कहा टास्क में फाॅर्स ने 15 अगस्त को यह रिकमंड किया था लेकिन स्टेट ने 10 अगस्त को आर्डर कैसे पास कर दिया
इसका साफ़ मतलब है की चीफ सेक्रटरी ने मनमाने तरीके से आर्डर पास किया जो की इलीगल है
साथ ही कोर्ट ने कहा कि डिजास्टर मेनिजमेंट के तहत जो आर्डर कर सकता है वो होता है स्टेट मनिजमेंट कमेटी, जबकि यंहा ऑर्डर किया चीफ सेक्रेटरी किया है जो एक डैम गलत है,
हाईकोर्ट ने कहा की जो स्टेट गोवेर्मेंट कर रही है वो गलत है और जो गैर कानूनी आदेश जो आपने दिया है उसे वापस लो अन्यथा हम आर्डर करेंगे तो मुश्किल होगा।
अब स्टेट गोवेर्मेंट हाई कौर के सामने खुद से मानलिया कि हमने जो आर्डर पास किया था वो गलत था हम अपने सारे आर्डर वापस लेते हैं
साथ हाई कोर्ट ने ये आर्डर पास किया की महाराष्ट्र गोवेर्मेंट ने जो आर्डर पास किये उनसे लोगो के फंडामेंटल राइट का उलघन होता है ये सारे आर्डर इल्लीगल थे
अर्थात अब कोई संस्था, चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी अब नहीं कह सकती की की वैक्सीन लगवाने पर ही आप नौकरी पर आसके हो ,या रेल,बस में या प्लेन सफर कर सके हो,
अर्थ अब आप वैक्सीन के मेंडेट से आजाद हो जी हाँ बिलकुल आज़ाद हो अब आप ने वैक्सीन नहीं लगवाई तो भी कंही आ जासकते हो और कोई काम कर सकते हो,
और इस हाईकोर्ट के आर्डर के बाबजूद फिर भी कोई परेशान करता है तो उसको जाना पड़ेगा जेल
अब बात आती है बच्चो के वैक्सीन की तो क्या बच्चो को वैक्सीन लगेगी यदि लगेगी तो किसकी मर्जी से, इसमें बच्चो की की मर्जी नहीं चलेगी, अर्थ आपके बच्चो को वैक्सीन लगाने के आपके कंसेंट की जरूरत पड़ेगी जो आपने सोचना है की लगवानी है कि नहीं , वैसे कोर्ट का आर्डर है कि वैक्सीन कंपनी को वैक्सीन से होने वाले साइडइफेक्ट की जन सूचना भारत के जाने माने अख़बारों में देनी पड़ेगी
अब सीधी सी बात समझ आचुकी है और कोर्ट के अनुसार भी की वैक्सीन लगाने में कुछ लोग आना फायदा देख रहे है आपका नहीं, आपको अपना फायदा खुद देखना है कोर्ट को तो समझ आजगया है अब आपको देखना है कि आपको क्या करना है लगवानी है या नहीं
अब एक और अच्ची खबर होगी मास्क पर, कि जिनके चालान कटे हैं उन्हें कैसे पैसे वापस मिलगे और वो भी २ हजार नहीं लाखो में
तो अगली कहब देखने के लिए बने रही बढ़े चलो न्यूज़ पर