चीफ जस्टिस का बड़ा बयान: CJI रमना बोले- पुलिस स्टेशन में मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा हनन, प्रभाव वाले लोग भी थर्ड डिग्री से नहीं बच पाते

चीफ जस्टिस का बड़ा बयान: CJI रमना बोले- पुलिस स्टेशन में मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा हनन, प्रभाव वाले लोग भी थर्ड डिग्री से नहीं बच पाते

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Chief Justice Of India, NV Ramana, Threat To Human Rights, Police Stations, Custodial Torture, Police Atrocities

नई दिल्ली8 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
चीफ जस्टिस का बड़ा बयान: CJI रमना बोले- पुलिस स्टेशन में मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा हनन, प्रभाव वाले लोग भी थर्ड डिग्री से नहीं बच पाते

भारत के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना ने रविवार को एक बयान देकर पुलिस स्टेशनों में होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा हनन पुलिस स्टेशनों में ही होता है। हमारे यहां आरोपी के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए कानून है। इसके बाद भी हिरासत में उत्पीड़न और मौत के मामले सामने आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पुलिस थाने में कानूनी प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता।

उन्होंने यह बातें नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) के वीजन और मिशन मोबाइल ऐप और डॉक्यूमेंट का शुभारंभ करते हुए कही। इस ऐप के जरिए लोगों को मुफ्त में कानूनी सलाह दी जाएगी। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज और NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित भी मौजूद थे। बता दें कि CJI इस संगठन के मुख्य संरक्षक भी हैं।

पुलिस की ज्यादती रोकने की जरूरत
कार्यक्रम में CJI रमना ने कहा कि कई रिपोर्ट से पता चलता है कि विशेष अधिकार प्राप्त लोगों पर भी थर्ड-डिग्री का इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस की ज्यादतियों को रोकने के लिए लोगों को संवैधानिक अधिकारों और मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में बताना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस स्टेशन, जेल में डिस्प्ले बोर्ड और होर्डिंग लगाकर यह जानकारी देना अच्छी कोशिश है, लेकिन NALSA को पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनाने के लिए देशभर में मुहिम चलाने की जरूरत है।

न्याय तक आम आदमी की पहुंच जरूरी
CJI रमना ने कहा कि हम ऐसा समाज चाहते हैं, जहां कानून का शासन बना रहे। इसके लिए जरूरी है कि समाज के उच्च वर्ग और गरीब तबके के लिए न्याय के अवसर एक समान हों। हमें नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक और आर्थिक रूप से अलग होने के कारण किसी को भी उसके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। अतीत से कभी भविष्य तय नहीं किया जाना चाहिए। हमें ऐसे भविष्य का सपना देखना चाहिए, जहां समानता हो और सभी के अधिकारों की रक्षा हो सके। इसलिए न्याय तक पहुंच नाम से मिशन चलाया जा रहा है, जो कभी खत्म नहीं होगा।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *