चीनी धमकियों के बीच अमेरिका के बाद ताइवान को मिला यूरोप का साथ, कहा- मजबूत करेंगे संबंध

चीनी धमकियों के बीच अमेरिका के बाद ताइवान को मिला यूरोप का साथ, कहा- मजबूत करेंगे संबंध

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चीन और ताइवान के बीच तनाव के बीच अमेरिका ने ताइवान को हर संभव सहयोग की बात कही है। अब यूरोप ने भी ताइवान को मदद की बात कही है। यूरोप के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि ताइवान राजनयिक रूप से अलग और अकेला द्वीप नहीं है। प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय यूनियन और ताइवान से संबंधों को मजबूत करने के लिए साहसिक कारवाई की अपील की है।

बता दें कि ताइवान का वेटिकन सिटी को छोड़कर किसी भी यूरोपीय देश के साथ औपचारिक संबंध नहीं हैं। लेकिन ताइवान यूरोपीय देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहता है। ऐसे कई बार ताइवान के सीनियर अधिकारियों ने कहा है।

यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल का यह ताइवान दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब ताइवान लगातार बीजिंग के बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है। अक्टूबर महीने में चीन ने ताइवान के वायु क्षेत्र में करीब 200 लड़ाकू विमान भेजे थे। चीन ने ताइवान पर लगातार अपना दावा किया है और ताइवान को चीन में मिलाने के लिए जबरन सैन्य कारवाई से इनकार नहीं किया है।

यूरोपीय संसद के एक फ्रांसीसी सदस्य राफेल ग्लक्समैन ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से कहा है कि हम यहां एक बहुत ही साफ संदेश लेकर आए हैं। ताइवान अकेला नहीं है। यूरोप आपके साथ खड़ा है। ग्लक्समैन ने आगे कहा है कि हमारी इस यात्रा को एक पहला महत्वपूर्ण कदम माना जाना चाहिए। ताइवान और यूरोप के बीच मजबूत संबंध बनाने के लिए हमें कई हाई लेवल बैठक, ठोस कदम और ठोस एजेंडे की जरूरत है।

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई ने कहा है कि हम दुष्प्रचार के खिलाफ एक लोकतांत्रिक गठबंधन स्थापित करने की उम्मीद करते हैं। हम मानते हैं कि ताइवान और यूरोप सभी क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना जारी रख सकते हैं।

अक्टूबर महीने में ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू की यूरोप यात्रा के बाद से बीजिंग बौखला गया था। इस यात्रा के बाद चीन ने यूरोपीय देशों को चीन के साथ संबंध प्रभावित होने की बात कही थी।

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