चाैंकाने वाला खुलासा: डीआरडीओ के साइंटिस्ट ने किया था दिल्ली कोर्ट में ब्लास्ट, घर में बनाया, पड़ाेसी वकील था निशाने पर
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नई दिल्ली31 मिनट पहले
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पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि क्राइम सीन से पता चला कि बम बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री आसानी से उपलब्ध हाे जाती है।
दिल्ली की राेहिणी काेर्ट में 9 दिसंबर काे हुए बम विस्फाेट में चाैंकाने वाला खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने इस हमले काे आतंकी साजिश मानकर जांच शुरू की थी। लेकिन पकड़ा गया रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का एक वैज्ञानिक। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच से पता चला कि आरोपी वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया ने पड़ोस में रहने वाले एक वकील अमित बक्शी को निशाना बनाने के लिए काेर्ट में बम रखा था। उन्हाेंने खुद अपने घर पर इसे बनाया था।
पुलिस ने कटारिया को गिरफ्तार कर लिया है। कटारिया डीआरडीओ में सीनियर साइंटिस्ट है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने शनिवार काे बताया कि कटारिया के घर से बम बनाने का काफी सामान भी मिला है। जांच में सामने आया कि कटारिया का पड़ाेसी वकील अमित बक्शी से झगड़ा चल रहा है। कटारिया ने वकील बक्शी के खिलाफ 5, जबकि वकील ने कटारिया के खिलाफ 7 केस कर रखे हैं।
विस्फाेट के समय वकील काेर्ट में ही था। विस्फाेट के दिन दाेनाें के एक केस की उसी कोर्ट में सुनवाई थी। वकील बक्शी और आरोपी कटारिया एक ही फ्लैट में रहते हैं। वकील ग्राउंड फ्लोर पर, जबकि आरोपी ऊपर वाली फ्लोर पर रहता है। दोनों का पानी और अन्य मुद्दाें काे लेकर छह साल से झगड़ा चल रहा है। सीसीटीवी फुटेज में पुलिस काे विस्फाेट से पहले वकील की ड्रेस में एक व्यक्ति दाे बैग लेकर अंदर जाता दिखा।
विस्फाेट के बाद वाे कोर्ट से बाहर निकल जाता है। काेर्ट में आए एक हजार से ज्यादा वाहनाें की जांच की गई। पुलिस जांच के दाैरान एक बैग मिला था, जिसमें एक लोगो मिला जो मुंबई की कंपनी थी। पता चला कि उस कंपनी का एक गोदाम दिल्ली में भी है। विस्फाेट कराने के लिए जिस रिमोट का इस्तेमाल किया गया, वह एन्टी ऑटो थेफ्ट रिमोट था। बैग से अन्य चीजें भी मिली। इसी आधार पर भारत भूषण तक पुलिस पहुंची।
साइंटिस्ट ने रिमोट और अन्य सामान अमेजन से खरीदा था
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि क्राइम सीन से पता चला कि बम बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री आसानी से उपलब्ध हाे जाती है। आईईडी में केवल डेटोनेटर में ही विस्फाेट हुआ था। विस्फोटक में ब्लास्ट नहीं हुआ था। अगर पूरा बम फटा हाेता तो बड़ा विस्फाेट हाेता। बम अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया। रिमोट और कुछ सामान अमेजन से खरीदा था। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हुए इस धमाके की चपेट में आने से पुलिस का एक कांस्टेबल जख्मी हुआ था।
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