चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पड़ताल- पार्ट-1: 13 साल की बच्ची को पता तक नहीं चला और शूट हो गया पॉर्न वीडियो, दिल दहला देने वाले 3 केस
[ad_1]
26 मिनट पहलेलेखक: वैभव पलनीटकर
तारीख- 16 नवंबर, दिन- मंगलवार और वक्त- सुबह के नाश्ते का। CBI ऑफिसर्स आखिरी बार अपनी प्लानिंग दुरुस्त कर रहे थे। वैसे तो एक-एक गली, एक-एक घर और एक-एक शख्स की शिनाख्त पहले ही कर चुके थे। पर 14 राज्यों के 77 अलग-अलग शहरों में एक ही समय पर छापा मारना था, इसलिए वो कोई रिस्क नहीं ले सकते थे। मामला है बच्चों को बेहद बुरे दलदल से निकालने का। ऐसा दलदल जिसमें हमारे-आपके घर के बच्चे भी फंसे हो सकते हैं। और हमें पता ही न हो यहां हम 13 साल की लड़की और एक 16 साल की लड़की के साथ ही 8 साल के लड़के कहानी रख रहे हैं। पहले इसे पढ़िए, फिर और गहरे उतरते हैं…
पहला केस- ऑनलाइन मुलाकात, वर्चुअल दोस्ती और फिर महीनों तक यौन शोषण
हैदराबाद की रहने वाली 13 साल की ऐश्वर्या (बदला हुआ नाम) मिडिल क्लास फैमिली से हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर पिता और डॉक्टर माता की एकलौती बेटी ऐश्वर्या पढ़ाई के अलावा इंटरनेट पर सर्फिंग में भी अच्छा खासा वक्त बिताती हैं। साल 2018 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर ऐश्वर्या की दोस्ती एक वयस्क महिला से होती है। शुरुआती दिनों में दोनों में हाय-हैलो, हाल-चाल लेने वाली आम बातचीत होती है, फिर धीरे-धीरे ऐश्वर्या इस महिला से अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगती है।
ऐश्वर्या को बहुत दिन से इस बात की टीस थी कि मेरा बॉडी शेप अच्छा नहीं है और इसलिए मेरे दोस्त मेरा मजाक बनाते रहते हैं। ऐश्वर्या अपनी इस दिक्कत का इजहार अपनी फेसबुक वाली महिला दोस्त से किया। फेसबुक वाली महिला ऐश्वर्या को दिलासा देती है कि वो बॉडी शेप ठीक करने में उसकी मदद करेंगीं। इसके बाद ऐश्वर्या वीडियो चैटिंग पर महिला से फिजिकल ट्रेनिंग लेने लगती है और इसी क्रम में ऐश्वर्या को अपने कपड़े उतारकर प्राइवेट पार्ट से जुड़ी कुछ एक्सरसाइज करने के लिए कहा जाता है।
करीब 4 महीने बाद ऐश्वर्या के चचेरे भाई को इंटरनेट सर्फिंग के दौरान ही एक चाइल्ड पॉर्न वीडियो दिखता है और इसमें उसने अपनी बहन ऐश्वर्या का बेहद ‘गंदा’ वीडियो देखा। जब ये बात फैमिली को पता चली है तो वो बुरी तरह डर गए। मां-बाप ने बाल अपराध को रोकने की मुहिम में लगीं सुनीथा कृष्णन से इस पूरे वाकये को शेयर किया। सुनीथा को 2016 में अपने सामाजिक कामों को लेकर पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
सुनीथा बताती हैं कि ‘ऐश्वर्या का केस ऑनलाइन चाइल्ड अब्यूज का ऐसा केस था जिसमें पीड़ित बच्ची को कभी अंदाजा भी नहीं हुआ कि उसका यौन शोषण किया जा रहा है। जब ऐश्वर्या को चाइल्ड पॉर्न वीडियो बारे में पता चला तो उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया।’
ऐश्वर्या के परिवार ने पुलिस में ये केस फाइल करने से इनकार कर दिया। साफ है कि ऐश्वर्या की तरह ही कई सारे मामले पुलिस रिकॉर्ड में ही नहीं आते। इसलिए ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज की ये समस्या आंकड़ों से भी काफी बड़ी है।
दूसरा केस- केरल की 16 साल की लड़की
केरल पुलिस की साइबर क्राइम टीम को डार्क नेट पर सर्विलांस के दौरान एक नाबालिग लड़की के रोंगटे खड़े कर देने वाले वीडियो मिले। पुलिस को तीन महीने तक इंटरनेट की काली दुनिया (डार्क वेब) में तगड़ी मशक्कत करनी पड़ी। स्पेशल सॉफ्टवेयर के जरिए इस वीडियो के ओरीजन का आईपी एड्रेस तलाशा गया और एक भयानक कहानी निकलकर आई।
कोविड की पहली लहर के बाद जनवरी 2021 में केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के पुलिस मुख्यालय से सिर्फ 3 किमी दूर ही एक घर में 16 साल की लड़की राधिका (बदला हुआ नाम) का यौन शोषण होता है। यौन शोषण करने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि राधिका के अंकल ही थे। राधिका का यौन शोषण करने के साथ-साथ उसका वीडियो भी बनाया जाता और फिर उस वीडियो को उसके अंकल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बाजार में बेच देते।
केरल पुलिस के एडीजी और साइबर विभाग के प्रमुख मनोज अब्राहम बताते हैं कि- ‘हमें ऐसे कई मामले मिले हैं जिसमें बच्चों के पैरेंट्स या जानने वाले ही पॉर्न कंटेंट रिकॉर्ड कर रहे हैं। चाइल्ड पॉर्नोग्राफिक कंटेंट की लाइव स्ट्रिमिंग से अच्छी कमाई होती है। इस तरह से भी घर में ही बच्चों का शोषण चल रहा है।’
तीसरा केस- चैटिंग, दोस्ती, सैक्टिंग, फिर ब्लैकमेलिंग और बार-बार चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज
मुंबई की मिडिल क्लास फैमिली से आने वाला 8 साल का राहुल (बदला हुआ नाम)। वो अपने बाकी दोस्तों की तरह ही इंटरनेट पर काफी एक्टिव था। साल 2016 में राहुल की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सर्फिंग के दौरान दूसरे शख्स से वर्चुअल दोस्ती हो गई। एक दिन अचानक सामने वाले शख्स ने अपने प्राइवेट पार्ट की तस्वीरें भेजीं। बदले में राहुल ने भी उसे अपने प्राइवेट पार्ट की तस्वीरें भेजना शुरू किया।
अब सामने वाले शख्स ने इन्हीं तस्वीरों के बिनाह पर राहुल को ब्लैकमेल करना शुरू किया और कहा कि तुम इस तरह के और फोटो-वीडियो भेजो। राहुल को धमकी दी गई अगर वो अपने प्राइवेट पार्ट के और फोटो, वीडियो नहीं भेजेगा तो वो पुराने फोटो को वायरल कर देगा।
ब्लैकमेलिंग के बाद भी राहुल को मजबूरन ये सैक्शुअल वीडियो शूट करके देने पड़े। इसके बाद राहुल के मां-बाप को इस कांड के बारे में पता चला और वो दंग रह गए। पैरेंट्स ने राहुल पर हो रहे यौन शोषण को पुलिस में रिपोर्ट किया। राहुल ने पूछताछ में बताया कि- वो सेक्शुअल अब्यूज के ट्रैप में फंस गया है। इस केस की जानकारी बच्चों के साथ लैंगिक शोषण पर काम करने वाली संस्था आरंभ इंडिया के सदस्य सिद्धार्थ पिल्लई को मिली। सिद्धार्थ आईटी एक्सपर्ट हैं और ऑनलाइल चाइल्ड एब्यूज कंटेट को डिटेक्ट करने और इसे इंटरनेट से हटाने का काम करते हैं।
80% पीड़ित 14 साल से कम उम्र की बच्चियां
इंटरपोल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2017 से 2020 के बीच भारत में ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज के 24 लाख मामले सामने आए हैं। शिकार बनाए गए बच्चों में 80% हिस्सा 14 साल से कम उम्र की बच्चियां हैं।
बीते दिनों सीबीआई ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के मामले में 14 राज्यों के 70 ठिकानों पर छापेमारी की। पूछताछ के बाद एजेंसी ने दिल्ली, नोएडा, ढेंकनाल, झांसी और तिरुपति जैसी जगहों से 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। हमने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर पड़ताल की है और तीन रिपोर्ट्स की सीरीज तैयार की है।
‘child porn’, ‘sexy child’ जैसे की वर्ड से सर्च किया जाता है चाइल्ड पॉर्न कंटेंट
अप्रैल 2020 में इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (ICPF) ने भारत में चाइल्ड पॉर्न कंटेंट की डिमांड पर रिसर्च की। इस रिसर्च में पता चला कि भारत के 100 शहरों से औसतन हर महीने 50 लाख चाइल्ड पॉर्न कंटेंट की डिमांड की गई। पब्लिक नेट पर ‘child porn’, ‘sexy child’ और ‘teen sex videos’ ट्रेंडिंग सर्च रहे। इस कंटेंट को देखने वालों में 90% लोग पुरुष रहे। पॉर्न साइट पॉर्नहब के डेटा के मुताबिक भी भारत में 24 मार्च और 26 मार्च 2020 के बीच पॉर्न डिमांड में 95% का उछाल आया था।
चाइल्ड पॉर्न कंटेंट भारत में सबसे ज्यादा
सेक्शुअल एब्यूज मटेरियल (CSAM) पर काम करने वाले अमेरिकी NGO नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइडेट चिल्ड्रेन (NCMEC) के मुताबिक चाइल्ड पॉर्न से जुड़े कंटेट के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। भारत के बाद लिस्ट में साल 2020 में NCMEC ने साइबरटिप नाम की एजेंसी को 2।17 करोड़ सीसैम कंटेंट की रिपोर्ट्स दीं। 2019 के मुकाबले साल 2020 में सीसैम कंटेंट में 28% की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण कोविडकाल रहा है।
हमारी चाइल्ड पॉर्न पर पड़ताल की पहली रिपोर्ट को पढ़कर आप समझ गए होंगे कि चाइल्ड पॉर्न का पूरा नेटवर्क कितना खतरनाक है। हमारे और आपके घर के बच्चे जो दिन रात हाथ में फोन लिए रहते हैं और इंटरनेट पर होने का गुमान करते हैं, वो ही इस चाइल्ड पॉर्न के शिकार बन रहे हैं। पड़ताल की अगली सीरीज में हम आपको राजस्थान का केस बताएंगे। उससे आपको समझ आएगा कि चाइल्ड पॉर्न का घिनौना धंधा कैसे चलता है? अपराधी कैसे मैसेजिंग एप्स पर ग्रुप बनाकर पॉर्न कंटेंट बेचते हैं? इन मामलों में पुलिस कैसे पड़ताल करती है और आरोपियों को धर दबोचती है? आपको केरल और मुंबई के कुछ पुलिस अफसरों से मिलवाएंगे जिन्होंने चाइल्ड पॉर्न पर नकेल कसने के लिए खास काम किया है।
[ad_2]
Source link