चन्नी सरकार का चुनावी ‘मास्टरस्ट्रोक’: सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में पंजाबियों को मिलेगा आरक्षण; हरियाणा की तर्ज पंजाब में बनेगा कानून
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चंडीगढ़8 मिनट पहले
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पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में सरकार बनाने के लिए चन्नी सरकार ने एक और चुनावी मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी कर ली है। जल्द ही पंजाब में सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में पंजाबियों को आरक्षण मिलेगा। इसके लिए पंजाब सरकार हरियाणा की तर्ज पर कानून लेकर आएगी। जिसमें पंजाबियों के लिए एक कोटा तय होगा।
मंगलवार को सीएम चरणजीत चन्नी की अगुवाई में कैबिनेट की मीटिंग है। उसमें यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसकी तैयारी की जा रही है। फिलहाल यह आरक्षण 75% तक करने पर विचार किया जा रहा है।
सोमवार को जालंधर दौरे में सीएम चन्नी ने 1 लाख सरकारी वैकेंसी निकालने का दावा किया
दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल के हिस्से जा रही पंजाबियों की नौकरी
CM चरणजीत चन्नी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पंजाबियों को पंजाब में नौकरी मिले। पंजाब सरकार जल्द कानून ला रही है कि सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में 100% के करीब नौकरियां पंजाबियों को मिलें। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की नौकरियां हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के हिस्से में जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब हरियाणा से भी बेहतर कानून लेकर आएगा। जिसमें नौकरियों में पूरी तरह पारदर्शिता रहेगी। उन्होंने पंजाब में सरकारी नौकरियों की वैकेंसी निकालने का भी दावा किया।
मंत्री परगट सिंह
पंजाब की नौकरियों पर पंजाबियों का हक : मंत्री परगट सिंह
इस बारे में पंजाब के खेल एवं शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि ऐसा कानून पहले से है लेकिन अफसरों ने उसका उल्लंघन किया। हम उसमें करेक्शन कर रहे हैं। पंजाब की सरकारी नौकरियों में पंजाबियों को तरजीह मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा की जा रही है। यह पंजाबियों का हक भी है, कि उन्हें ज्यादा अवसर मिलें। हो सकता है कि यह आरक्षण 75% से भी ज्यादा हो।
डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा
पंजाब पुलिस में उठा था मामला
हाल ही में पंजाब पुलिस में भर्ती को लेकर मामला उठा था। जिसमें कहा गया कि करीब 300 गैर पंजाबी पंजाब पुलिस में काम कर रहे हैं। इसमें दावा किया गया कि साल 2014, 2016 और 2021 में हुई भर्ती के दौरान यह धांधली हुई है। इस दौरान 5 डीएसपी, 44 इंस्पेक्टर, 21 सब इंस्पेक्टर, 40 एएसआई, 15 हेड कांस्टेबल और 112 कांस्टेबल अन्य सूबों से लाकर पंजाब पुलिस में सीधे भर्ती किए गए, जिससे पंजाबियों का नौकरी पाने का अवसर छिन गया है। पंजाब का गृह विभाग देख रहे डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने इसकी जांच के भी आदेश दिए थे।
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