गड़बड़ी के गेम: इंस्टाग्राम जैसी आबादी, फेसबुक जैसी नेटवर्किंग, फिर भी ऑनलाइन गेम्स आईटी रूल्स के दायरे से बाहर
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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: अनिरुद्ध शर्मा
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गेमिंग प्लेटफॉर्म्स आईटी रूल्स 2021 के दायरे में नहीं आते, यानी इन कंपनियों पर कंटेंट की कोई बंदिश नहीं लागू होती है। (फाइल फोटो)
- विशेषज्ञ बोले-सिर्फ रूल्स में नाम न होने का फायदा उठा रही कंपनियां
कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं जिनके यूजर्स की संख्या करीब 45 करोड़ है…मगर ये इंस्टाग्राम या ट्विटर नहीं हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर लाखों यूजर्स एक साथ लाइव होते हैं, आपस में बात करते हैं…मगर ये फेसबुक या वॉट्स एप नहीं हैं। हम बात कर रहे हैं, ऑनलाइन गेम्स की। फेसबुक, ट्विटर या वॉट्स एप की ही तरह डिजिटल मोड में यूजर्स को जोड़ने वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म्स सोशल मीडिया इंटरमीडियरी की तरह आईटी रूल्स 2021 के दायरे में नहीं आते।
यानी इन कंपनियों पर कंटेंट की कोई बंदिश नहीं लागू होती है। यूजर की किसी शिकायत पर सुनवाई के लिए कंपनी को कोई अधिकारी भारत में नहीं रखना पड़ता। कंपनी के प्लेटफॉर्म पर जो लेन-देन होता है उस पर वह कोई टैक्स भी नहीं चुकाती। विशेषज्ञ कहते हैं कि आईटी रूल्स में अलग से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का जिक्र नहीं है। इसी का फायदा कंपनियां उठा रही हैं।
भास्कर इनडेप्थ : हर गड़बड़ी दूर कर सकती हैं कंपनियां, पर करती नहीं हैं समस्या: बच्चे को एप स्टोर में सभी गेम दिखते हैं, और वह डाउनलोड कर सकता है। उपाय: कंपनियां गेम्स डाउनलोड करने के लिए वीडियो केवाईसी अनिवार्य कर सकती हैं। समस्या: बच्चे गेम में गलत उम्र बताते हैं। क्रेडिट कार्ड से चोरी-छिपे पेमेंट करते हैं। उपाय: कंपनियां गेम में अल्गोरिदम जोड़ सकती हैं जो यूजर की उम्र का अनुमान लगा ले। समस्या: कई गेम्स का कोई जिम्मेदार व्यक्ति सामने नहीं होता। गड़बड़ी पर जवाबदेही नहीं है। उपाय: कुछ राज्यों ने नियम बनाए हैं। मगर नियम केंद्र बनाए तो प्रभावी होंगे।
3 तरह के गेम्स…कमाई के 3 तरीके
- ऑनलाइन गेम्स 3 श्रेणी के होते हैं। रियल मनी गेम्स, फैंटसी गेम्स और कैजुअल गेम्स।
- पहली दोनों श्रेणी के गेम्स में यूजर ज्ञान, कौशल और जागरूकता से पैसे कमाता है।
- गेम के बीच में विज्ञापन व मासिक या वार्षिक फीस कमाई के प्रचलित तरीके हैं।
- इन-एप पर्चेज के जरिये कमाई सबसे ज्यादा कैजुअल गेम्स करते हैं। इसमें यूजर को अगले लेवल पर जाने के लिए या बाधा पार करने के लिए वर्चुअल टूल या कॉइन खरीदने पड़ते हैं।
एक्सपर्ट पैनल: पवन दुग्गल, जय सत्या, साइबर कानून विशेषज्ञ, पराग मानकीकर, गेमिंग विशेषज्ञ
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