गांधी परिवार से प्रशांत किशोर की मीटिंग: पंजाब या उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण पर नहीं हुई चर्चा; 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में जान फूंकने की तैयारी
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नई दिल्ली23 मिनट पहले
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चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को दिल्ली में गांधी परिवार से अहम मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से हुई इस मीटिंग को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। पहले खबरें आईं कि प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी से पंजाब में जारी सियासी संकट और उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। हालांकि, अब खबरें आ रही हैं कि इस मीटिंग में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को फिर से तैयार करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
5 पॉइंट में समझें PK की मीटिंग की अहमियत
- NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में माना जा रहा था कि मंगलवार शाम दिल्ली में प्रशांत किशोर के साथ हुई बैठक में राहुल और प्रियंका मौजूद थीं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वर्चुअली शामिल हुईं।
- सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग का एजेंडा पंजाब या उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव नहीं, बल्कि इससे भी कुछ बड़ा मुद्दा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को लड़ाई के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- पहले PK-राहुल की मुलाकात को पंजाब में कांग्रेस की उथल-पुथल से जोड़कर देखा जा रहा था, जहां पार्टी अपने दो नेताओं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सब कुछ ठीक करने के लिए संघर्ष कर रही है।
- यह पहली बार नहीं है, जब चुनाव रणनीतिकार कांग्रेस परिवार से मिलने पहुंचे हैं। इससे प्रशांत किशोर ने 2017 में UP चुनाव के लिए अपने फेल कैंपेन के दौरान कांग्रेस की मदद की थी। इन चुनावों में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। तब गठबंधन को हराकर भाजपा सत्ता में आई थी।
- अपने प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के बीच UP में मिली करारी हार से परेशान PK ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस को अंतर्कलह की वजह से कई राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था।
PK ने कहा था- विपक्षी मोर्चे में कोई रोल नहीं
- जून में देश का सियासी माहौल तब बहुत तेजी से गरमाया, जब प्रशांत किशोर NCP के प्रमुख शरद पवार से 11 और 21 जून को दो बार मुलाकात करने पहुंचे। तब यह कयास लगने शुरू हुए कि पवार के साथ मिलकर ममता बनर्जी कोई बड़ा खेल करने वाली हैं। वो यूपीए के पैरलल कोई बड़ा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं।
- हालांकि, तब खुद प्रशांत किशोर और शरद पवार ने इन अटकलों से किनारा कर लिया था। दोनों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बिना थर्ड फ्रंट का कोई अस्तित्व नहीं है। इसके बाद 22 को राष्ट्रमंच की बैठक हुई। इसकी अगुआई तृणमूल के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने की थी।
- राष्ट्रमंच की बैठक में शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई के डी राजा, राइटर जावेद अख्तर भी शािमल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
- बैठक के बाद तीसरे मोर्चे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने साफ कह दिया था कि ऐसा कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मोदी को टक्कर नहीं दे सकता है। उन्होंने तब कहा था कि 2024 के इलेक्शन में विपक्ष के मोर्चे में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
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