गंभीर रोगियों के लिए बूस्टर डोज की नई पॉलिसी: कोविड की नेशनल एडवाइजरी ग्रुप 2 हफ्तों के अंदर तैयार करेगी
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नई दिल्लीएक मिनट पहले
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कोरोना के ओमिक्रॉन के ओम्क्रॉन वैरिएंट की भारत पहुंचने की भी आशंका जताई जा रही है। इस बीच, देश की कोविड टॉस्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. एन के अरोरा ने कहा है कि, अगले 2 हफ्तों के अंदर सरकार गंभीर रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए वैक्सीन की एडिशनल डोज पर पॉलिसी लाने जा रही है।
यह पॉलिसी नेशनल टेक्निकल एडवाइजी ग्रुप(NTAG) तैयार करेगी। NTAG देश के 44 करोड़ बच्चों के वैक्शीनेशन के लिए भी नई पॉलिसी लाने जा रही है।
डॉ. अरोरा ने कहा- देश की कई लैब्स फिलहाल भारत में मौजूद वैक्सीन की नए वैरिएंट्स पर एफिकेसी की जांच कर रही है। इसमें करीब 2 हफ्ते का समय लग सकता है। इससे पता चलेगा कि कोवैक्सिन, कोविशील्ड और दूसरी वैक्सीन्स वायरस से किस हद तक लड़ने में सक्षम है।
कई देशों में बुजुर्गों को बूस्टर डोज
अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे देशों में पहले से ही हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
NDTV के मुताबिक, बुजुर्गों को लिए बूस्टर डोज के बारे में पूछे जाने पर डॉ. अरोरा ने कहा- कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों में बुजुर्गों को बूस्टर डोज दी जा रही है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे देशों शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बूस्टर का मतलब है हमें 94 करोड़ और डोज की जरूरत पड़ेगी, जिन्हें एक रात में तैयार नहीं किया जा सकता। हालांकि, देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।
डॉ. अरोरा ने कहा- देश में 12 से 15 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है और 30 करोड़ लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी है। देश में वैक्सीनेशन को तेजी से आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए।
देश में ओमिक्रॉन का केस नहीं
भारत ने अभी तक ओमिक्रॉन का एक भी केस सामने नहीं आया है। इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु पहुंचे 2 दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे । इनमें से एक डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया है।कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने कहा है कि टेस्ट के सैंपल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब्स में भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओमिक्रॉन स्ट्रेन को लेकर काफी सतर्क है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में एपिडीमियोलॉजी के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने ओमिक्रॉन के पहले से ही भारत में मौजूद होने की संभावना जताई है । पांडा ने कहा था कि इस वैरिएंट की जानकारी केवल टेस्ट से ही सामने आएगी।
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