क्रेडिट गारंटी स्कीम: PM बैंक खातों में जमा रकम पर सिक्योरिटी की जानकारी देंगे, 5 लाख तक की रकम सुरक्षित रहेगी
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट : गारंटी टाइम बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपए’ प्रोग्राम को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। कार्यक्रम में PM मोदी डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत बैंक में जमा पर मिलने वाली 5 लाख रुपए की गारंटी के बारे में जानकारी देंगे। कार्यालय में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री और RBI गवर्नर भी मौजूद रहेंगे।
क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत 1300 करोड़ का भुगतान किया
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 16 सहकारी बैंकों के ग्राहकों को क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत 1 लाख लोगों को कुल 1300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। ये उन बैंकों के ग्राहक थे जिन पर RBI ने प्रतिबंध लगाया था।
देश के कुल अकाउंट्स में 98.1% इसमें कवर
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश के कुल अकाउंट्स में से 98.1% क्रेडिट गारंटी स्कीम में कवर हैं, वहीं अगर दुनिया के लिहाज से बात की जाए तो ये 80% है। यानी हम इस मामले में दुनिया के औसत से आगे हैं।
बजट-2021 में बैंक कवर बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया था
DICGC एक्ट में इस बदलाव को शामिल किए जाने पर डिपॉजिटर को बड़ी आसानी होगी, क्योंकि उन्हें तय समय में अपना 5 लाख रुपए तक का डिपॉजिट वापस मिल जाएगा। बैंक के फेल होने की सूरत में DICGC के कवर के हिसाब से डिपॉजिटर को उनका पैसा तय समय के भीतर आसानी से मिल जाएगा। बजट में ऐलान किया था कि बैंकों में जमा 5 लाख रुपए की रकम अब DICGC एक्ट के तहत सिक्योर्ड रहेगी।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में फ्रॉड के बाद किया था ऐलान
वित्त मंत्री ने बजट में यह ऐलान पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए फ्रॉड के बाद किया था। इसके बाद यस बैंक भी वित्तीय संकट में फंस गया था। बैंक में रोज की निकासी पर लिमिट लगा दी गई थी।
DICGC रिजर्व बैंक की कंपनी है, जो हर डिपॉजिटर के सेविंग्स, करंट, रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एकाउंट में जमा 5 लाख रुपए को सुरक्षित रखती है। अगर कोई बैंक डिफॉल्ट हो जाता है तो उसके हर डिपॉजिटर को 5 लाख रुपए तक की रकम (मूल रकम और ब्याज) DICGC अदा करेगी।
मई 1993 से पहले 30 हजार रुपए तक ही वापसी की गारंटी थी
मई 1993 से पहले बैंक डिपॉजिटर को अपने बैंक खाते में जमा 30,000 रुपए तक की रकम पर ही वापसी की गारंटी थी। 1992 में एक सिक्योरिटी स्कैम के कारण इसमें बदलाव किया गया। महाराष्ट्र के बैंक ऑफ कराड के दिवालिया हो जाने के बाद इंश्योर्ड डिपॉजिट की रकम को बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया गया था।
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