कोवैक्सिन फिर साबित हुई सब पर भारी: ICMR का दावा- डेल्टा प्लस वैरिएंट पर भी असरदार है स्वदेशी वैक्सीन, बांग्लादेश में भी हो सकते हैं ट्रायल
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- Coronavirus Covaxin Vaccine Effective Against Delta Plus Variant | Indian Council Of Medical Research (ICMR)
नई दिल्लीएक मिनट पहले
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कोवैक्सिन हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन है। इसे डेवलप करने में NIV और ICMR ने भी सहयोग किया है। -फाइल फोटो
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन एक बार फिर सब पर भारी साबित हुई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सोमवार को दावा किया है कि कोवैक्सिन कोरोना के खतरनाक डेल्टा प्लस वैरिएंट पर भी कारगर है। ICMR के मुताबिक संस्था की स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। कोवैक्सिन को डेवलप करने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV)और ICMR ने भी सहयोग किया है।
वहीं, कोवैक्सिन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश में क्लीनिकल ट्रायल किए जा सकते हैं। मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां 18 जुलाई को ट्रायल की मंजूरी दी गई थी। भारत सरकार के एक डॉक्यूमेंट के मुताबिक इसके लिए सरकार ने आर्थिक मदद की मंजूरी दी है। भारत सरकार ने अपने विदेशी दूतावासों के जरिए वैक्सीन के ट्रायल की सुविधा मुहैया कराई है।
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कोवैक्सिन का एक भी डोज नहीं भेजा बांग्लादेश
सरकार ने बांग्लादेश में में इसके ट्रायल का प्रस्ताव रखा था। वहां के अधिकारियों से बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय ने एक टीम भी भेजी थी। भारत ने अब तक बांग्लादेश को कोवैक्सिन के डोज नहीं भेजे हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत ने बांग्लादेश को अब तक कोवीशील्ड के 70 लाख डोज बेचे और 33 लाख डोज दान दिए गए हैं।
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एक महीने पहले जारी किया था थर्ड फेज का डेटा
करीब एक महीने पहले भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा जारी किया था। इसमें कोरोना के सभी वैरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन 77.8% असरदार बताई गई थी। कंपनी ने डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपा था। इसके बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की मीटिंग हुई थी, जिसमें डेटा को मंजूरी दी गई।
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25,800 लोगों पर हुआ फेज-3 ट्रायल
कंपनी के मुताबिक 25,800 लोगों पर फेज-3 का ट्रायल किया गया था। इसमें ये देखा गया कि कोरोना के खिलाफ यह वैक्सीन कितना बचाव करती है। इससे पहले अमेरिका के टॉप हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने बताया था कि कोवैक्सिन अल्फा और डेल्टा वैरिएंट पर भी असर दिखाती है।
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