कोरोना देश में: एक्टिव केस 17 महीने में सबसे कम, अगले दो महीने मामलों में बढ़त की संभावना नहीं
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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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देश में लगातार कोरोना के एक्टिव केस में गिरावट देखी जा रही है। चार दिनों की मामूली बढ़त को छोड़ दिया जाए तो देश भर में कोविड रोगियों की संख्या में हर दिन गिरावट आई है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जम्मू -कश्मीर सहित कुछ राज्यों में नए मामलों के दोगुने होने से चिंता बढ़ी है। पिछले एक हफ्ते में कुछ राज्यों में वायरस ज्यादा सेंसिटिव लोगों को लगातार संक्रमित कर रहा है। इनमें कई बड़े शहर जैसे बेंगलुरु, कलकत्ता, चेन्नई और पुणे शामिल हैं।
रोजाना नए केस में गिरावट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को 8,865 नए केस दर्ज किए, जो 9 महीनों में सबसे कम है। देश में रोजाना आने वाले नए केस का 7 दिनों का औसत पिछले एक महीने में लगातार 16 हजार से कम रहा है।इससे पहले के तीन हफ्तों तक रोजाना केस का औसत 30 हजार था और उससे पहले के 8 हफ्तों का औसत 50 हजार रहा।
पिछले एक महीने में चार दिनों को छोड़कर रोजाना ही कोरोना संक्रमण का आंकड़ा गिरा है। 15 अक्टूबर को देश में कोरोना के एक्टिव केस 2.10 लाख थे, जो 16 नवंबर को 1.40 लाख रह गए। एक्टिव केस का यह आंकड़ा 17 महीने में सबसे कम है।
इस साल मई की शुरुआत में दूसरी लहर की पीक के दौरान रोजाना 4 लाख से अधिक नए केस दर्ज किए गए
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर में क्लिनिकल वायरोलॉजी के पूर्व प्रमुख टी. जैकब ने बताया कि हम एक स्थिर और लंबी गिरावट देख रहे हैं। यह पैंडेमिक फेज के अंत और एंडेमिक फेज की शुरूआत जैसा नजर आ रहा है। भारत ने इस साल मई की शुरुआत में दूसरी लहर की पीक के दौरान रोजाना 4 लाख से अधिक नए केस दर्ज किए थे। जो खतरनाक डेल्टा वैरिएंट की वजह से हो रहे थे।
कई बडे़ शहरों में R- वैल्यू बढ़ी
तीन राज्यों – बंगाल, मिजोरम और तेलंगाना में पिछले एक हफ्ते में R वैल्यू 1 से थोड़ी अधिक थी। 1 से अधिक R वैल्यू का मतलब है कि महामारी तेजी से बढ़ रही है। केवल जम्मू और कश्मीर में 1 नवंबर और 14 नवंबर के बीच R वैल्यू 1.23 थी। R वैल्यू एक कम्युनिटी में इंफेक्शन रेट को बताता है । 14 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में बेंगलुरु (1.04), कलकत्ता (1.02), चेन्नई (1.05), मुंबई (1.02) और पुणे (1.09) में इतनी R वैल्यू थी, हालांकि दिल्ली में यह 0.90 थी।
अगले 2 महीने तक महामारी में कोई उछाल नहीं
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए मामलों में ये लोकल बढ़त लोगों के मिलने और भीड़ जुटने की वजह से होती है। इन्हीं कारणों से ज्यादा सेंसिटिव लोगों को संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि राहत की बात यह है कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में वैक्सीनेटेड लोगों की संख्या इतनी अधिक है कि अगले 2 महीने में महामारी में तब तक उछाल नहीं आएगा, जब तक कोरोनावायरस में कोई नया म्यूटेशन न हो जाए।
वैक्सीनेशन से गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचा जा सकता है।
देश में कोरोना के मामले
फिलहाल देश में एक्टिव केस की संख्या 1.40 लाख है। मंगलवार को 10,197 केस दर्ज किए गए और 301 लोगों की मौत हुई। देश में करीब 106 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। कोविड -19 वैक्सीनेशन अभियान के तहत मंगलवार तक लगभग 75.8 करोड़ (80% आबादी ) को पहली डोज दी गई है। भारत में करीब 94.4 करोड़ वयस्कों में से 38 करोड़ (40%) इम्यून हो चुके हैं।
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