कोरोना के C.1.2 वैरिएंट का खतरा: UK, यूरोप समेत 10 से अधिक देशों से आने वालों को RT-PCR टेस्ट कराना होगा, लेकिन 14 दिन क्वारैंटाइन रहने का नियम खत्म
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मुंबईएक घंटा पहले
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WHO की कोविड टीम की टेक्नीकल लीड मारिया वैन केरखोव ने मंगलवार को कहा कि C.1.2 वैरिएंट कम से कम छह देशों में पाया गया है।
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट C.1.2 के सामने आने के बाद मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। BMC ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि 3 सितंबर से यूके, यूरोप, मध्य पूर्व, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे से मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य है। नया कोविड वेरिएंट C.1.2 पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिला था। अच्छी बात यह है कि भारत में इसका कोई केस अभी तक नहीं मिला है।
इस नियम के लागू होने के बाद पुराने नियम रद्द हो जाएंगे, जिसमें वैक्सीन की दोनों डोज और 65 वर्ष से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजन को मिलने वाली छूट शामिल है। नए सर्क्युलर के अनुसार, हवाई यात्रा करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए क्वारंटाइन होने वाला नियम खत्म कर दिया गया है।
अन्य देश के यात्रियों को लानी होगी नेगटिव रिपोर्ट
यात्रियों के RT-PCR के लिए मुंबई एयरपोर्ट पर सभी तैयारियां कर ली गई है। अब मुंबई एयरपोर्ट पर एक घंटे में कम से कम तीन यात्रियों की कोरोना जांच कर ली जाएगी। इन देशों को छोड़कर अन्य देशों से आने वाले यात्रियों को आने पर या यहां से कहीं और जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे के अंदर का RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। उसके बाद ही यात्री एयरपोर्ट से बाहर जा सकेगा।
ऐसे यात्रियों को एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होगी। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट की व्यवस्था की गई है। वहां प्रतिघंटे 600 लोगों का टेस्ट किया जा सकता है।
दुनिया के 6 देशों में मिला C.1.2 वैरिएंट
कोविड-19 के लिए WHO की टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने मंगलवार को कहा कि C.1.2 वैरिएंट कम से कम छह देशों में पाया गया है। WHO के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने पहली बार 21 जुलाई को WHO वायरस इवोल्यूशन वर्किंग ग्रुप को C.1.2 वेरिएंट पर अपने निष्कर्ष पेश किए। ये नया वेरिएंट पहली बार मई में दक्षिण अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया था। रिसर्चर ने C.1.2 वेरिएंट के लिए कहा है कि यह वुहान के मूल वायरस से अधिक संक्रामक है।
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