कैप्टन नहीं माने ‘रुपाणी मॉडल’ का विकल्प: सर्वे में 40 से अधिक विधायक अमरिंदर हटाने के पक्ष में थे, ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मानना था- कैप्टन को सीएम प्रोजेक्ट किया तो हार होगी

कैप्टन नहीं माने ‘रुपाणी मॉडल’ का विकल्प: सर्वे में 40 से अधिक विधायक अमरिंदर हटाने के पक्ष में थे, ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मानना था- कैप्टन को सीएम प्रोजेक्ट किया तो हार होगी

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Delhi ncr
  • In The Survey, More Than 40 MLAs Were In Favor Of Amarinder’s Removal, Most Of The Workers Believed That If Captain Is Projected Again As CM, Defeat Is Sure.

नई दिल्ली8 मिनट पहलेलेखक: मुकेश कौशिक

  • कॉपी लिंक
कैप्टन नहीं माने ‘रुपाणी मॉडल’ का विकल्प: सर्वे में 40 से अधिक विधायक अमरिंदर हटाने के पक्ष में थे, ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मानना था- कैप्टन को सीएम प्रोजेक्ट किया तो हार होगी

पंजाब में कांग्रेस के ‘कैप्टन’ की पारी अपने ही विधायकों की ‘अपील’ पर समाप्त हो गई। पार्टी के ही सर्वे में सामने आया कि 40 से अधिक विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह को बतौर सीएम नहीं चाहते थे। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का मानना था कि कैप्टन को फिर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया तो हार सुनिश्चित है। विधायकों की कैप्टन विरोधी चिट्‌ठी लेकर राज्य प्रभारी हरीश रावत व महासचिव अजय माकन चंडीगढ़ पहुंचे।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों को फ्री हैंड दिया कि विधायक दल की बैठक में कैप्टन को इस्तीफे का विकल्प दें, नहीं मानें तो हटाने का रास्ता साफ कर दें। जानकार सूत्रों के अनुसार कैप्टन को भाजपा के विजय रुपाणी व कर्नाटक-उत्तराखंड की तर्ज पर इस्तीफे से इनकार कर दिया।

विधायकों ने आलाकमान को बताया कि पंजाब सरकार का रिमोट कैप्टन के धेवते निर्वाण सिंह के हाथ व बटन प्रशांत किशोर के पास है। नवजोत सिद्धू को अध्यक्ष बनाने के बावजूद पार्टी में संघर्ष नहीं थमा। इस बीच कैप्टन दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से मिले। वैसे उन्होंने इन मुलाकातों के लिए आलाकमान को विश्वास में लिया था लेकिन सूत्रों की मानें तो यह सोनिया गांधी को नागवार गुजरा।

सिद्धू खेमे ने कैप्टन की मोदी-शाह से मुलाकात की रिपोर्ट राहुल व प्रियंका को दी। बताते हैं कि सिद्धू आलाकमान को बता चुके हैं कि पद से हटने के बाद कैप्टन भाजपा का दामन थामने की तैयारी में हैं। वे किसान कानून को ठंडे बस्ते में डालने के मध्यस्थ बनकर भाजपा का मुख्यमंत्री पद का चेहरे बन सकते हैं। इससे भाजपा को सीएम के लिए एक सिख चेहरा भी मिल जाएगा और किसान आंदोलन का जिन्न भी बोतलबंद हो जाएगा।

सिद्धू के साथ जुड़ रहे विधायक
अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद से विधायकों का एक नया तबका सिद्धू के साथ जुड़ना शुरू हो गया था। सूत्रों के अनुसार 25 से 30 विधायक जो कैप्टन की शक्ति प्रदर्शन बैठकों में शामिल होते हैं उनमें से आधे से ज्यादा विधायक सिद्धू खेमे की बैठकों में भी शामिल होते।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *