कैप्टन की ‘सियासी’ चाय: पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के घर पहुंचे CM अमरिंदर सिंह, बगावत के बीच ग्रुप मजबूत करने की कोशिश
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जालंधर6 मिनट पहले
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कैप्टन अमरिंदर सिंह व राजिंदर कौर भट्ठल की फाइल फोटो।
पंजाब की कांग्रेसी सियासत में हर पल कुछ न कुछ नया हो रहा है। शुक्रवार दोपहर बाद CM कैप्टन अमरिंदर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के घर पहुंचे। यहां उनके बीच चाय पर चर्चा हुई। कैप्टन जब पिछली बार मुख्यमंत्री थे तो भट्ठल के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा था। भट्ठल ने विधायकों को साथ लेकर कैप्टन को हटाने की कोशिश तक की थी। हालांकि अब नवजोत सिद्धू के साथ चल रहे मतभेद के बाद कैप्टन ने भट्ठल से भी सियासी दूरियां कम करने की कोशिश की है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह पूरी कवायद अब उनके पार्टी नेताओं से न मिलने के आरोपों से जोड़कर देखी जा रही है। इसी वजह से उन्होंने पहले पार्टी विधायकों के साथ डिनर किया। जिसमें सांसदों के साथ पिछला विस चुनाव हारे नेता भी शामिल हुए। इसके बाद अब वो राजिंदर भट्ठल से मिलने पहुंचे। इससे पहले गन्ना किसानों की बैठक में उनके साथ पूर्व प्रधान लाल सिंह भी शामिल हुए थे।
अमरिंदर को पहली चुनौती भट्ठल ने ही दी थी
कैप्टन अमरिंदर सिंह जब 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे तो राजिंदर कौर भट्ठल से उनका बड़ा विवाद रहा। इससे पहले भट्ठल 1996 से 97 तक मुख्यमंत्री रहीं थी। हालांकि इसके अगले विस चुनाव में अकाली दल जीता व 1997 से 2002 तक प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस की कमान भट्ठल से कैप्टन के हाथों में आ गई। जब 2002 में कांग्रेस सरकार बनी तो कैप्टन मुख्यमंत्री बन गए। भट्ठल ने इसका जोरदार विरोध किया। करीब 2 साल बाद 2004 में उन्होंने कैप्टन की कुर्सी को चुनौती दी। यहां तक कि 40 विधायकों का समर्थन लेकर वो कांग्रेस हाईकमान तक पहुंची। हालांकि कैप्टन को गिराने में नाकाम रहीं और उन्हें डिप्टी सीएम बनाने के बाद मामला खत्म हो गया।
सिद्धू ने भी दिखाई थी करीबी, पैर भी छुए थे
पंजाब कांग्रेस के प्रधान बने नवजोत सिद्धू ने भी राजिंदर कौर भट्ठल से करीबी दिखाई थी। प्रधान बनने के बाद वो भट्ठल से मिलने उनके घर गए। इसके बाद जब ताजपोशी समारोह हुआ तो सिद्धू ने स्टेज पर उनके पैर भी छुए। वहां सिद्धू ने कैप्टन को इग्नोर किया था। हालांकि एक बार फिर कैप्टन को सीएम कुर्सी से हटाने की कोशिश हुई लेकिन यह भी नाकाम साबित हो गई। इसके बाद कैप्टन ने पहले गुरुवार रात को विधायकों व सांसदों के साथ डिनर किया और शुक्रवार को भट्ठल के घर चाय पीने पहुंच गए।
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