कैप्टन का रावत और सुरजेवाला पर हमला: अमरिंदर बोले- पूरी कांग्रेस सिद्धू की कॉमेडी में रंग गई, विधायकों को डराकर मेरे खिलाफ साइन कराए
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Punjab
- Jalandhar
- Amarinder’s Attack On Rawat And Surjewala, The Entire Congress Party Got Painted In Sidhu’s Comedy; Signs Were Made Against Me By Intimidating The MLAs
जालंधरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
पंजाब के CM पद से इस्तीफा देने के बाद से कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पर हमलावर हैं। अब अमरिंदर का कहना है कि पंजाब में कांग्रेस की कलह को संभालने में नाकाम नेता उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। कैप्टन ने कहा कि एक तरफ हरीश रावत कहते हैं कि 43 विधायकों ने मेरे खिलाफ पत्र लिखा। अब रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि 79 में से 78 विधायकों का पत्र मिला था। इससे साफ जाहिर है कि पूरी पार्टी सिद्धू की कॉमेडी के रंग में रंग गई है।
कल को वे कहेंगे कि पंजाब विधानसभा के सभी 177 विधायकों ने मुझे हटाने के लिए पत्र भेजा था। अमरिंदर ने यह भी दावा किया कि 43 विधायकों को भी मजबूर कर लेटर पर उनके साइन लिए गए। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए नेता झूठ बोल रहे हैं।
मजाकिया लहजे में कहा- झूठ को भी कोऑर्डिनेट नहीं कर पा रहे
अमरिंदर ने मजाकिया लहजे में कहा कि यह तो पार्टी के अंदर का हाल है। वह अपने झूठ को भी कोऑर्डिनेट नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है। यह संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर सीनियर नेताओं का पार्टी के कामकाज से मोह भंग हो चुका है।
अमरिंदर ने दिया रिपोर्ट कार्ड, मेरी सरकार में हर चुनाव जीते
अमरिंदर ने कहा कि 2017 के बाद कांग्रेस पंजाब में हर चुनाव में जीतती रही। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 77 सीटें जीतीं। इसके बाद उपचुनाव में 4 में से 3 सीटें जीती। यहां तक कि सुखबीर बादल के दबदबे वाली जलालाबाद सीट भी कांग्रेस ने जीती। अमरिंदर ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 13 में से 8 सीटें पार्टी ने जीती। उस वक्त तो पूरे देश में भाजपा की लहर चल रही थी।
इसी साल फरवरी में 7 नगर निगमों के चुनाव हुए। कांग्रेस ने 350 में से 281 यानी 80.28% सीटें जीती। 109 नगर कौंसिल के चुनाव हुए। इनमें 109 पार्षदों में से 97 कांग्रेसी जीते। 2,165 में से 1,486 यानी 68% वार्ड कांग्रेस जीती। अमरिंदर ने कहा कि इससे साफ है कि सुरजेवाला के दावे की तरह पंजाब ने मुझ पर भरोसा नहीं खोया था। नवजोत सिद्धू के इशारे पर कुछ नेताओं और विधायकों ने यह पूरा माहौल रचा।
रावत से बोले – अगर बादलों से मिला होता तो 13 साल से कानूनी लड़ाई न लड़ रहा होता
हरीश रावत के बादलों के साथ मिले होने पर भी अमरिंदर ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो मैं उनके साथ 13 साल से कानूनी लड़ाई न लड़ रहा होता। उन्होंने रावत के बयान को झूठ करार दिया। अमरिंदर ने चेतावनी दी कि बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड के भावनात्मक और संवेदनशील मामले में उनकी बयानबाजी को कांग्रेस को चुनाव में बड़ी कीमत चुकानी होगी।
बेअदबी के केस में 16 महीने के अंदर 3 आरोपी पकड़े
बेअदबी मामले में कार्रवाई न करने के आरोप में अमरिंदर ने कहा कि 2017 में वह मुख्यमंत्री बने। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के 3 केसों को सुलझाया। यह केस जून से अक्टूबर 2015 के दरम्यान हुए थे। इनमें वांछित मोहिंदरपाल उर्फ बिट्टू, सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी और शक्ति सिंह को सरकार बनने के 16 महीने के भीतर गिरफ्तार किया।
आरोपी पुलिस अफसरों को गिरफ्तार किया
कोटकपूरा और बहबल कलां फायरिंग केस में IG परमराज उमरानंगल और SSP चरनजीत शर्मा समेत सीनियर पुलिस अफसरों को सरकार बनने के 2 साल के भीतर गिरफ्तार किया। पूर्व DGP सुमेध सैनी और पूर्व MLA मनतार सिंह बराड़ समेत 12 लोगों को चार्जशीट में नामजद किया। इन मामलों में 7 चार्जशीट दायर की गई। हालांकि इनमें से कुछ को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि बेअदबी और गोलीकांड मामले में कार्रवाई न करने का हौव्वा नवजोत सिद्धू और उसके साथियों ने खड़ा किया। वह किसी भी तरीके से पंजाब की सत्ता हथियाना चाहते थे।
[ad_2]
Source link