केदारनाथ धाम: PM मोदी की यात्राओं से बढ़ा क्रेज, इस दिवाली 30% महिला श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

केदारनाथ धाम: PM मोदी की यात्राओं से बढ़ा क्रेज, इस दिवाली 30% महिला श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

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12 घंटे पहले

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केदारनाथ धाम: PM मोदी की यात्राओं से बढ़ा क्रेज, इस दिवाली 30% महिला श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन
  • अब मथुरा-वृंदावन तक सीमित नहीं महिला श्रद्धालु, केदारनाथ और बद्रीनाथ की मुश्किल चढ़ाई करती हैं पार
  • इस साल उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने पहुंचे रिकॉर्ड 4.4 लाख श्रद्धालु, बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल

माना जाता है कि भले महिलाएं पूजा-पाठ में ज्यादा विश्वास रखती हैं, लेकिन जब बात तीर्थ यात्रा की आए तो वे घर से बाहर जाने में कतराती हैं। लेकिन समय के साथ ये ट्रेंड बदला है। जो महिलाएं पहले भगवान के दर्शन के लिए मथुरा- वृंदावन जाकर संतुष्ट हो जाती थीं, अब वे हिमालय की बर्फीली पहाड़ियां लांघकर केदारनाथ धाम तक पहुंचने लगी हैं।

माइनस डिग्री तापमान में लगभग 17 किलोमीटर की कठिन पहाड़ी चढ़ाई तय करने वाली ये महिला श्रद्धालु हर उम्र की हैं। यहां तक की इस साल दीपावली के दिन केदारनाथ में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं में 30% महिलाएं शामिल रहीं।

पीएम की यात्राओं से लगातार चर्चा में है केदारनाथ धाम
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां पीएम ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। आपको बता दें कि पीएम इससे पहले अक्टूबर में केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए आने वाले थे, लेकिन यात्रा को नवंबर के लिए टाल दिया गया।

पीएम के साथ जनता का पसंदीदा तीर्थ स्थल बन रहा केदारनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में 5वीं बार बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे। पीएम मोदी की लगातार केदारनाथ यात्रा देख जनता के बीच विश्वास जग रहा है। हालांकि भगवान को लेकर भक्तों की आस्था तो हमेशा से वैसी ही है, लेकिन साल 2013 की केदारनाथ त्रासदी ने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया था। श्रद्धालु केदारनाथ जाने से कतराने लगे थे। प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्राओं को देख भक्त काफी प्रभावित हुए, उनके जाने के बाद से लोग दोबारा बड़ी संख्या में यहां तीर्थ करने आने लगे हैं।

आलम यह है कि इस साल चॉपर और चार धाम यात्रा की बुकिंग शुरू होने पर एक बार में ही 12 दिन के स्लॉट बुक हो गए। ये धाम जनता का भी पसंदीदा तीर्थ स्थल बनता जा रहा है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अनुसार, इस वर्ष कोरोना के कारण यात्रा बेहद देर से शुरू होने के बावजूद दीपावली तक कुल 439804 श्रद्धालु चार धाम तीर्थ करने आए, जिनमें से 2.4 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे।

पांच साल में पांचवीं बार केदारनाथ पहुंचे पीएम मोदी।

पांच साल में पांचवीं बार केदारनाथ पहुंचे पीएम मोदी।

हर साल बढ़ रही महिला आस्तिकों की संख्या
दैनिक भास्कर की वुमन टीम ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि केदारनाथ आपदा के बाद कुछ साल तक श्रद्धालुओं की संख्या कम रही, लेकिन साल 2017 के बाद से अब हर साल भक्तों की संख्या बढ़ रही है। पिछले वर्ष करीब 3.8 लाख श्रद्धालु चार धाम दर्शन करने आए थे। इस साल कोविड के कारण चार धाम यात्रा देर से शुरू हुई, इसके बाद भी शुक्रवार तक करीब 4.4 लाख भक्त चार धाम यात्रा के लिए पहुंचे। इसमें महिला आस्तिक भी ज्यादा रहीं।

दीपावली पर बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंची 800 महिला श्रद्धालु।

दीपावली पर बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंची 800 महिला श्रद्धालु।

दिवाली पर 30% महिलाओं ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन
दीपावली के दिन श्रीकेदारनाथ धाम में भक्ति और श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। त्योहार के दिन भी केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने को बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। रुद्रप्रयाग जिले के पर्यटक अधिकारी सुशील नॉटियाल बताते हैं कि 4 नवंबर यानी दीपावली के दिन लगभग 2600 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। जिसमें से 807 महिला भक्त शामिल रहीं। जबकि 2 नवंबर को करीब 2300 भक्त दर्शन को पहुंचे, जिसमें 1235 महिला श्रद्धालु शामिल थी। इसी तरह रोजाना करीब 30 से 40% महिला श्रद्धालु रोजाना बाबा केदारनाथ की आराधना करने आती हैं। इनकी संख्या हर साल बढ़ रही है।

महिला श्रद्धालुओं की सेवा के लिए महिला डॉक्टर
वैसे तो केदारनाथ में पूरे साल ही ठंड रहती है। सर्दी के मौसम यानी अक्टूबर से नवंबर के समय यात्रा करने वाली श्रद्धालुओं को इस दौरान खास ध्यान देने की जरूरत होती है। पहाड़ में ऊपर पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से बुजुर्ग श्रद्धालुओं को तो सांस लेने में दिक्कत होती ही है साथ ही ट्रैकिंग करने वालों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए केदारनाथ धाम के बेस कैंप में बने हैल्थ कैंप और सेंटर में महिला यात्रियों के लिए अलग से महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। जहां महिलाएं बिना घबराएं अपनी परेशानी बता सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रास्ते में जगह-जगह महिलाओं के लिए अलग से चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

केदारनाथ धाम जा रही हैं तो कभी भी न करें ये गलती
अगर आप केदारनाथ धाम जाने की तैयारी कर रही हैं तो ये जान लें कि यहां जाने का सबसे सही मौसम कौन सा है। कभी भी सर्दी और बारिश के मौसम में केदारनाथ धाम जाने का प्लान न बनाएं। मानसून में मंदिर के रास्ते में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड की आशंका रहती है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए मई से जून और सितंबर से नवंबर का शुरुआती समय सबसे अच्छा है।

भगवान का अभिषेक करने के लिए दोपहर 3 बजे से पहले पहुंचे मंदिर।

भगवान का अभिषेक करने के लिए दोपहर 3 बजे से पहले पहुंचे मंदिर।

इन बातों का रखें ख्याल

  • यात्रा पर जाने से पहले अपनी बॉडी को ठंड और ट्रैकिंग के लिए तैयार करें।
  • हमेशा होटल या गेस्ट हाउस की बुकिंग करके ही यात्रा के लिए रवाना हो, वरना मुश्किल में फंस सकती हैं।
  • सर्दी के साथ ही बरसाती कपड़े, जूते और छाता लेकर जाएं, केदारनाथ में बेवक्त बारिश मिल सकती है।
  • अपने साथ जरूरी दवाएं लेकर जाएं।
  • केदारनाथ मंदिर के पट दर्शन के लिए सुबह 6 से शाम 7 बजे तक खुले रहते हैं। दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक पट बंद रहते हैं।
  • दोपहर 3 बजे से पहले पहुंचने पर भक्त भगवान का अभिषेक कर सकते हैं, लेकिन 5 बजे के बाद पहुंचने पर सिर्फ दूर से दर्शन संभव है।

कैसे पहुंचें केदारनाथ मंदिर
आप ट्रेन से केदारनाथ धाम जाना चाह रहे हैं तो वहां पहुंचने के लिए सबसे पास ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून और कोटद्वार का रेलवे स्टेशन मिलेगा, यहां से आगे का रास्ता सड़क से तय करना होगा। प्लेन से जाने पर ऋषिकेश या देहरादून के एयरपोर्ट पर उतर कर आगे का रास्ता टैक्सी या बस से तय करना होगा।

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