केजरीवाल पर नवजोत सिद्धू का वार: CM आवास पर धरने में पहुंचे, बोले- दिल्ली का मायाजाल भेदने आया हूं, पंजाब जाकर शिगूफे छोड़ रहे AAP नेता
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जालंधर6 घंटे पहले
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पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) के प्रधान नवजोत सिद्धू रविवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर गेस्ट टीचर्स के धरने में शामिल हुए। यहां उन्होंने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। सिद्धू ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली में झूठ का मायाजाल फैला रखा है, वह इसे भेदने के लिए ही यहां आए हैं। उनकी सारी पोल पटि्टयां खोलकर ही जाएंगे।
केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए सिद्धू ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों में दिल्ली सरकार ने अपने लोगों को लगा रखा है, जिन्हें हर महीने पांच लाख रुपए मिलते हैं। यहां अध्यापकों को पूरा वेतन नहीं मिल रहा और मुंह खोलने पर उन्हें नौकरियों से निकाला जा रहा है।
8 लाख का वादा, दीं 440 नौकरियां
उन्होंने कहा कि ट्विटर पर जो डेटा डाला है, फिगर्स दिए हैं, वह हकीकत है। केजरीवाल ने दिल्ली में 2013 में वादा किया था कि ठेके पर काम करने वालों को पक्का करेंगे। लेकिन कोई भी कर्मचारी पक्का नहीं हुआ। 2015 के विधानसभा चुनाव में 8 लाख नौकरियों का वादा किया था और केवल 440 नौकरियां दीं। झूठ का मॉडल दिखाकर लोगों को गुमराह करने वाले भौखले बांस की तरह खोखली बातें तो ऊंची-ऊंची करते हैं और पंजाब में जाकर शिगूफे छोड़ते हैं कि अध्यापकों को पक्का करेंगे। केजरीवाल पहले अपना घर तो संभाल लें। आज 22 हजार गेस्ट अध्यापक दिल्ली में सड़कों पर है।
पंजाब की महिलाओं को भीख नहीं चाहिए
महिला सशक्तिकरण पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि सिद्धू ने कहा कि केजरीवाल पहले यह बताएं कि उनकी कैबिनेट में कितनी महिलाएं हैं। पंजाब में महिलाओं को एक-एक हजार रुपए देने के कोरे वादे करने वाले केजरीवाल बताएं कि दिल्ली में कितनी महिलाओं को उन्होंने राशि दी है। पंजाब की महिलाओं को आत्मनिर्भरता चाहिए, भीख नहीं। मजीठिया का नाम लिए बिना सिद्धू ने कहा कि हम पंजाब में नशे के सौदागरों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और केजरीवाल उनसे माफी मांग रहे हैं।
कर्मचारियों के मुद्दे पर पंजाब सरकार को भी घेरा
नवजोत सिद्धू ने इस दौरान पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी दिल्ली की तरह कर्मचारी सड़कों पर हैं। मुझसे रोज मिलते हैं। सिद्धू ने कहा कि मैंने पंजाब सरकार को कह रखा है कि सभी को पक्का करो, लेकिन उससे पहले बजट में पैसे का प्रावधान कर दो ताकि बाद में किसी को कोई दिक्कत न आए। पंजाब का मसला 1000 करोड़ रुपए के प्रावधान से सुलझ सकता है और सारे धरने-प्रदर्शन बंद हो सकते हैं।
PPCC अध्यक्ष ने कहा कि वह पंजाब में भी कर्मचारियों के साथ हैं और इसलिए ही दिल्ली में कर्मचारियों का साथ देने आए हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री परगट सिंह की सराहना करते हुए कहा कि वह ऐसी पॉलिसी लेकर आ रहे हैं, जिससे पंजाब में तो समस्या खत्म हो जाएगी। यदि केजरीवाल इसे दिल्ली में भी लागू करते हैं तो यहां भी समाधान हो जाएगा। यह सब बजट में पैसे के प्रावधान से होगा। जब प्रधान पद संभाला था तो कहा था कि जब तक सड़कों पर बैठे सभी लोग घर नहीं जाते, वह भी चैन से नहीं बैठेंगे।
धरने पर पहुंचे सिद्धू मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए।
शिक्षक सड़क पर बैठें यह न पंजाब के लिए अच्छा, न दिल्ली के लिए
सिद्धू ने कहा कि शिक्षक गुरु होता है और उसके कदमों में सिर झुकता है। शिक्षक अपने हकों के लिए सड़कों पर बैठे यह न तो पंजाब के लिए अच्छा है और न ही दिल्ली के लिए। अध्यापकों के साथ वह पंजाब में भी खड़े हुए हैं और दिल्ली में भी खड़े हैं। इनकी हक-सच की आवाज में वह पूरा साथ देंगे। शिक्षकों का मसला बहुत अहम है और यह प्राथमिकता के आधार पर हल होना चाहिए।
दिल्ली में पराली से नहीं, गाड़ियों के धुएं से प्रदूषण
प्रदूषण के मसले पर भी सिद्धू दिल्ली सरकार पर बरसे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली को दोषी ठहराने वाले केजरीवाल को पता होना चाहिए कि पंजाब में पराली जलने से नहीं बल्कि यहां की गाड़ियों के धुएं से हवा खराब हो रही है। उन्होंने दिल्ली की बसों पर भी सवाल उठाए कि केजरीवाल बताएं दिल्ली में कितनी बसें बढ़ी हैं। दिल्ली में शीला दीक्षित के समय में 6000 हजार बसें थी और आज 3000 रह गई हैं। शीला दीक्षित 22 प्रतिशत ग्रीन कवर करके गईं थीं इनसे 23 नहीं हुईं। शीला दीक्षित मेट्रो के साढ़े तीन फेस पूरे करके गईं और यह चार से आगे नहीं बढ़े हैं। बसों में कभी 45 लाख लोग सफर करते थे अब 29 हजार रह गए हैं। बसों में चलने वाले लोग गाड़ियों में आ गए हैं। दिल्ली में 45 प्रतिशत प्रदूषण का कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है और केजरीवाल पंजाब के किसानों पर पर अंगुलियां उठाते हैं।
केजरीवाल को किया खुला चैलेंज
सिद्धू ने कहा कि दिल्ली और पंजाब के मसलों तो लेकर वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से बहस को तैयार हैं। वह उन्हें खुला चैलेंज करते हैं। वह जहां चाहें, जब चाहें आकर हर मुद्दे पर उनसे बहस करने को तैयार हैं।
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