कृषि कानून हटने पर सांसदों का भंगड़ा: जंतर-मंतर पर पंजाब कांग्रेस के सांसद बिट्टू और सांसद औजला नाचे, आंदोलन में उछली थी दोनों की पगड़ी
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लुधियानाएक घंटा पहलेलेखक: दिलबाग दानिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों खेती कानून वापस लेने का ऐलान करने के बाद पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने शुक्रवार शाम को भंगड़ा कर डाला। लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू, अमृतसर के लोकसभा मेंबर गुरजीत औजला और खडूर साहिब के सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने जंतर-मंतर पर एक-दूसरे को गुलदस्ते देकर खुशी मनाई और नाचे। पंजाब के कांग्रेसी सांसद तीनों खेती कानूनों के विरोध में 348 दिन से दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। शुक्रवार शाम को यह धरना भी समाप्त करने का फैसला लिया गया।
लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ जंतर-मंतर पर धरने वाली जगह पहुंचे और खुशी में भंगड़ा डाला। इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों को नमन करते हुए उनकी याद में मोमबत्तियां भी जलाईं। रवनीत बिट्टू ने कहा कि यह जीत 700 से ज्यादा किसानों की शहादत के बाद मिली है, इसलिए कांग्रेस के तमाम नेता उन्हें नमन करते हैं। किसान और किसानी को बचाने के लिए ही कांग्रेस के सांसद सालभर से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे सांसदों ने अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ मिलकर खुशी मनाई।
348 दिन से धरने पर बैठे थे कांग्रेसी नेता
खेती कानूनों के खिलाफ पंजाब कांग्रेस की ओर से लुधियाना के MP रवनीत सिंह बिट्टू, खडूर साहिब के MP जसबीर सिंह डिंपा, अमृतसर के MP गुरजीत सिंह औजला और अन्य नेता जंतर-मंतर पर धरना देकर बैठे थे। इस धरने का शुक्रवार को 348वां दिन रहा। डिंपा यहां लगातार बैठे थे।
सिंघु बॉर्डर पर 25 जनवरी 2021 को आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे पंजाब कांग्रेस के नेताओं को वहां किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। उस समय धक्का-मुक्की में कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और जीरा के कांग्रेसी विधायक कुलबीर सिंह जीरा की पगड़ियां उछल गई थीं।
सिंघु बॉर्डर पर हुआ था बिट्टू पर हमला
आंदोलन के दौरान 25 जनवरी 2021 को लुधियाना के लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू, अमृतसर के MP गुरजीत सिंह औजला, पंजाब की जीरा विधानसभा सीट के कांग्रेसी एमएलए कुलबीर सिंह जीरा सिंघु बॉर्डर पर किसानों का साथ देने पहुंचे थे। हालांकि वहां किसानों ने उनका विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। उसी नारेबाजी में कुलबीर जीरा और रवनीत बिट्टू की पगड़ियां उछाल दी गईं और उनकी गाड़ियां तोड़ दी गई थीं।
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