किसान संघर्ष पर चन्नी-कैप्टन आमने सामने: कैप्टन का दावा मैने कृषि कानून रद्द करवाने को केंद्र से बातचीत की, चन्नी का जवाब किसान संघर्ष किसानों की जीत महाराजा ने एश की

[ad_1]
लुधियाना17 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापिस ले लिए हैं और किसान अगले दो तीन दिन में पंजाब वापिस आ रहे हैं। अब इस पर भी पंजाब के नेता आमने सामने हो गए है। सबसे आगे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार से निरंतर वार्तालाप के साथ साथ सर्वदलीय बैठक बुलाई है और अब किसान वापिस लौट रहे हैं। इसके अलावा उनकी तरफ से सरकार रहते हुए शहीद परिवारों को नौकरियां दीं, मुआवजा दिया है। दूसरी तरफ पायल में जन सभा में अपने संबोधन के दौरान CM चन्नी ने आरोप लगाया है कि महाराजा ने साढ़े चार साल कुछ नहीं किया है। किसान संघर्ष की जीत किसानों की खुद की जीत है, 700 शहादत हुई हैं तब जाकर मोदी सरकार झुकी है। इसमें महाराजा को श्रेय देने की जरूरत नहीं है।

संघर्ष पर फैसला आने के बाद कैप्टर अमरिंदर सिंह से संबंधित डाली जा रही पोस्ट।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का दावा, किसानों की हर तरह से मदद की
पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले 18 महीनों में विभिन्न स्तरों पर किसान यूनियनों के साथ-साथ केंद्र सरकार के नेतृत्व के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत की है ताकि इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सके। उन्हें खुशी है कि किसानों की लड़ाई अंजाम तक पहुंच चुकी है और उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारें पंजाब में उनकी सरकार के फैसले का पालन करने के लिए सहमत हो गई हैं, जिसमें आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में क्रमश: 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और मृतक किसान परिवारों में से प्रत्येक के लिए एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के लिए अपनी पार्टी के स्पष्ट समर्थन पर जोर देते हुए कहा कि पहले की तरह वह उनके हितों की रक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए किसानों की लड़ाई का समर्थन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि जून 2020 में, उन्होंने तीन कृषि अध्यादेशों को रद्द करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अगस्त में पंजाब विधानसभा द्वारा पारित अध्यादेशों को खारिज करने वाले एक प्रस्ताव के साथ इसका पालन किया था।
पायल विधान सभा की रैली के दौरान संबोधित करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी, इसी दौरान उनकी तरफ से कैप्टन अमरिंदर सिंह के दावों को खारिज किया।
मुख्यमंत्री चन्नी ने सभी दावों को नकारा, बोले साढ़े चार साल कुछ नहीं किया
पायल में कांग्रेस जन सभा की स्टेज से मुख्यमंत्री चन्नी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बार बार महाराजा शब्द से संबोधित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साढ़े चार साल तक कुछ भी नहीं किया है। कैप्टन अमरिंदर ने पूरा समय एश प्रस्ति की है और अब फिर से मांग कर रहे हैं कि कृषि कानून रद्द हो चुके हैं और मुझे दोबारा से मुख्यमंत्री बनाया जाए। जबकि यह जीत पूरी तरह से किसानों की है। जिस भाजपा के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह जा रहे हैं, वह पंजाब की दुश्मन जमात है और इसी ने एक साल तक हमारे किसानों को बार्डर पर परेशान किया है। इससे पंजाब का आर्थिक नुकमान हुआ है। यह जीत 700 किसानों की शहादतों के बाद आई है, इस लिए किसी को श्रेय नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, अकाली और भाजपा के साथ मिले हुए हैं और पंजाब का नुकसान करने का हर तरह से प्रयास भी कर रहे हैं।
[ad_2]
Source link