किसान नेता रुलदू सिंह के साथियों को बदमाशों ने पीटा: दो आंदोलनकारी घायल, एक को सिर पर 15 टांके और कई जगह चोट; खालिस्तानी गुरपतवंत के खिलाफ बोले थे रुलदू
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बहादुरगढ़20 मिनट पहले
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टीकरी बॉर्डर पर मानसा कैंप में हमले में घायल किसान नेता रुलदू सिंह मानसा के एक साथी।
बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर मंगलवार को आंदोलनरत किसान नेता रुलदू सिंह मानसा क खेमे पर हमले की खबर आई है। बताया जा रहा है कि खालिस्तानी मूमेंट के हैंडलर गुरपतवंत सिंह पन्नू पर कमेंट करने के चलते यह हमला किया गया है। इससे पहले रुलदू सिंह 15 दिन के लिए संयुक्त किसान मोर्चे से सस्पेंड चल रहे हैं। मंगलवार को लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से लैस कुछ बदमाश रुलदू सिंह को ढूंढते हुए मानसा खेमे में आए थे। वह नहीं मिले तो फिर उनके साथियों को ही पीट डाला। हमले में एक किसान को गंभीर चोट आई हैं, जबकि एक अन्य के हाथ पर चोट आई है। मामला बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 कम्युनिटी सेंटर के पास का है। जहां पंजाब किसान यूनियन नेता के नेता रुलदू सिंह मानसा का कैंप बना हुआ है। सोमवार रात करीब साढ़े 9 बजे रुलदू सिंह मानसा को ढूंढते हुए कुछ हमलावर मानसा के कैंप में पहुंचे। वहां मौजूद किसानों से रुलदू के बारे में पूछा। झोपड़ियों में तलाश की गई। जब वह नहीं मिले तो उनके कैंप में ठहरे किसानों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में पंजाब के मानसा जिले के किसान गुरविंदर के सिर में गंभीर चोट आई हैं। देर रात पीजीआई रोहतक में गुरविंदर के सिर पर 15 टांके लगाए गए। उसकी आंख, कान, हाथ और पैर पर भी चोट के गहरे घाव हैं, वहीं एक अन्य किसान के हाथ पर भी काफी चोट आई है। इस घटना की सूचना पुलिस के पास भी पहुंच चुकी है। लेकिन ना तो पुलिस ने घायल के बयान लिए हैं और ना ही इस घटना के विषय में कोई मामला दर्ज किया है। घायल गुरविंदर ने बताया कि वह रात के समय रुलदू सिंह मानसा को ढूंढते हुए हमलावर हाथों में लाठी डंडे लेकर ट्रॉली में घुस आए थे। उन्होंने उनके ऊपर हमला किया और फरार हो गए। हमलावर खालिस्तान मूवमेंट चला रहे पन्नू पर टिप्पणी से नाराज थे। दरअसल पंजाब किसान यूनियन के बड़े नेता रुलदू सिंह मानसा ने संयुक्त किसान मोर्चे की स्टेज से खालिस्तानी मूमेंट चला रहे लोगों पर निर्दोष युवाओं को बहकाने और मरवाने के गंभीर आरोप लगाए थे। गुरपतवंत पन्नू को लेकर भी काफी सख्त टिप्पणियां की गई थी। इस हमले को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दबी जुबान में कहा यह भी जा रहा है कि किसान आंदोलन में मौजूद खालिस्तानी समर्थकों को रुलदू सिंह मानसा की टिप्पणी नागवार गुजरी और उन्हीं पर हमला करने के लिए रात को उनके कैंप में हमलावर पहुंचे थे।
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