किसान आंदोलन पर आज अंतिम फैसला: केस वापसी को लेकर केंद्र के स्पष्टीकरण का इंतजार, 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग

किसान आंदोलन पर आज अंतिम फैसला: केस वापसी को लेकर केंद्र के स्पष्टीकरण का इंतजार, 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Chandigarh
  • Farmers Protest Kisan Andolan Delhi Singhu Border Update; Rakesh Tikait | SKM Meeting Today, Punjab Haryana Farmers News

चंडीगढ़21 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
किसान आंदोलन पर आज अंतिम फैसला: केस वापसी को लेकर केंद्र के स्पष्टीकरण का इंतजार, 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग

सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 377वां दिन है।

दिल्ली बॉर्डर पर 377 दिन से चल रहे किसान आंदोलन पर आज अंतिम फैसला होगा। आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केसों की वापसी पर किसानों को केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है। बुधवार यानी आज फिर 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की मीटिंग होगी, जिसके बाद आंदोलन को वापस लिया जा सकता है।

जिन 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन शुरू हुआ था, केंद्र सरकार उन्हें वापस ले चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद उनकी वापसी पर राष्ट्रपति मुहर लगा चुके हैं, जिसके बाद किसान संगठनों पर आंदोलन वापसी का दबाव बना हुआ है।

भारत सरकार से बातचीत को लेकर SKM की यह 5 मेंबरी कमेटी बनी है।

भारत सरकार से बातचीत को लेकर SKM की यह 5 मेंबरी कमेटी बनी है।

इन 5 मुद्दों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं किसान

केस: किसानों पर दर्ज केस कब तक वापस होंगे? इसकी समय सीमा क्या है? कौन-कौन से केस वापस होंगे? राज्यों के अलावा केंद्रशासित प्रदेशों और रेलवे ने भी केस दर्ज किए हैं।

MSP: MSP कमेटी में कौन से किसान नेता शामिल किए जाएंगे? संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि इसमें किसानों के प्रतिनिधि सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा से ही लिए जाएं। वह किसान नेता न हों, जो विवादित कृषि कानूनों के हक में थे।

मुआवजा: आंदोलन में मरे करीब 700 से ज्यादा किसानों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकारें सहमत हैं। हालांकि SKM की मांग है कि इसमें पंजाब मॉडल अडॉप्ट किया जाए। जिसमें किसानों को 5 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी गई है।

बिजली एक्ट: बिजली एक्ट को संसद में न लाया जाए। यह कानून बना तो किसानों के साथ आम लोगों को भी ज्यादा बिल देना पड़ेगा। केंद्र ने इसमें स्टेक होल्डर्स की राय लेने की बात कही थी, लेकिन SKM सहमत नहीं।

पराली : पराली को लेकर बनाए कानून से किसानों को बाहर किया जा चुका है, लेकिन उसके सेक्शन 15 से किसानों को ऐतराज है। इसमें किसानों पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

दोपहर 2 बजे फिर SKM की मीटिंग होगी।

दोपहर 2 बजे फिर SKM की मीटिंग होगी।

केंद्र से बात करेगी SKM की 5 मेंबरी कमेटी

केंद्र सरकार से बकाया मुद्दों पर बातचीत के लिए SKM ने 5 मेंबरी कमेटी बनाई है। जिसमें पंजाब से बलबीर राजेवाल, उत्तर प्रदेश से युद्धवीर सिंह, मध्यप्रदेश से शिव कुमार कक्का, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम चढ़ूनी शामिल हैं। केंद्र से बातचीत के बाद SKM की मीटिंग में यह नेता पूरी जानकारी रखेंगे और सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा।

पंजाब के किसान सहमत, केस वापसी पर हरियाणा के साथ

पंजाब के 32 में से अधिकांश किसान संगठन घर वापसी के लिए तैयार हैं। उनकी कृषि कानून वापसी की मुख्य मांग पूरी हो चुकी है। हालांकि किसानों पर दर्ज केस को लेकर वह हरियाणा के साथ हैं। पंजाब में किसानों पर केस दर्ज नहीं किए गए, लेकिन हरियाणा में हजारों किसानों पर केस दर्ज हैं।

हरियाणा के अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों और रेलवे के भी केस हैं। किसानों का कहना है कि अगर ऐसे ही घर आ गए तो आंदोलन वापसी के बाद केस भुगतने पड़ेंगे। पहले भी हरियाणा के जाट आंदोलन और मध्यप्रदेश के मंदसौर गोलीकांड में ऐसा हो चुका है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *