किन्नौर लैंड स्लाइड: 60 टूरिस्ट-साढ़े 4 हजार ग्रामीण फंसे: 3 गांवों का संपर्क कटा, एक हफ्ते में तैयार हो पाएगा पुल; आर्मी और आईटीबीपी को हेलिकॉप्टर का सहारा
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Himachal
- 60 Tourists Stranded With 30 Vehicles After Kinnaur Bridge Collapse, 4 And A Half Thousand People From 3 Villages Cut Off From Each Other; Problem For The Army
किन्नौर34 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
किन्नौर में भू-स्खलन के बाद सड़क पर आया मलबा, जिसकी वजह से प्रशासन की तरफ से अभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।
किन्नौर में रविवार को घटी त्रासदी के निशां कुछ हृदय पटलों से रहते दम तक नहीं मिट पाएंगे, वहीं हजारों जिंदगियां और भी मुश्किलों से घिर गई हैं। भू-स्खलन की घटना में रविवार को 9 लोगों की मौत हो गई तो 3 लोग घायल भी हुए हैं। बेशक इस घटना के बाद से राहत कार्य घंटों से लगातार जारी है, लेकिन अभी इतनी आसानी से राहत मिलती नजर नहीं आ रही। 60 टूरिस्ट और इन्हें लेकर घाटी में पहुंचे 30 वाहन अभी भी फंसे हुए हैं। इसके अलावा पुल टूट जाने से 3 गांवों की साढ़े 4 हजार की आबादी का भी आपस में संपर्क कट गया है। इस आबादी को अभी कम से कम अगले एक सप्ताह और राहत मिलती नजर नहीं आ रही।
छितकुल व रक्षम को जोड़ती सड़क पर पड़े पत्थर, जिसकी वजह से यह डैमेज हो गई और प्रशासन ने आवागमन रोक दिया है।
दैनिक भास्कर ने हादसे के बाद के हालात की पड़ताल की तो पाया कि पुल टूटने के बाद छितकुल, रक्षम, बड़सेरी गांवों 60 टूरिस्ट और इन्हें लेकर यहां पहुंचे 30 वाहन फंसे हुए हैं। इन्हें हेलिकॉप्टर के जरिये रेस्क्यू किया जा रहा है। उधर, बड़सेरी गांव के 1 हजार, छितकुल के 2 हजार और रक्षम के 1500 ग्रामीणों का भी संपर्क कटा हुआ है। इसकी वजह गांव बड़सेरी को जोड़ने वाला पुल ध्वस्त हो जाना और छितकुल व रक्षम को जोड़ती सड़क पर पत्थर गिर जाने से इसका डैमेज हो जाना है। यहां आवाजाही पर, यहां तक कि लोगों के पैदल आवागमन पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है।
किन्नौर में भू-स्खलन के बाद टूटा सांगला-बड़सेरी को जोड़ने वाला पुल।
ये हैं दो बड़ी परेशानी
अब एक और बड़ी चिंता आर्मी और आईटीबीपी के जवानों के लिए रसद और अन्य सामान पहुंचाने की है। अब सेना को हेलिकॉप्टर के जरिये सामान पहुंचाया जाएगा। साथ ही अक्टूबर में सेब का सीजन शुरू होने से पहले सड़क मार्ग दुरुस्त करना और पुल बनाना सरकार का लक्ष्य है।
पहले भी एक बार सेना ने 24 घंटे में बना दिया था पुल
हालांकि जहां तक इस पुल के निर्माण की बात है, इसे 10 साल पहले सांगला-छितकुल संपर्क मार्ग के तौर पर लोक निर्माण विभाग ने बनाया था। सरकार चाहे तो इस पुल को 24 घंटे में तैयार किया जा सकता। एक बार कई साल पहले भी इसी तरह से एक हादसे में क्षतिग्रस्त पुल को सेना ने 24 घंटे में तैयार कर दिया था।
[ad_2]
Source link