काले धन के खिलाफ बड़ा कदम: भारत को इसी महीने स्विस बैंकों के भारतीय खातेदारों की जानकारी का तीसरा सेट मिलेगा, पहली बार फ्लैट-अपार्टमेंट की डिटेल होगी
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नई दिल्ली/बर्न6 मिनट पहले
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भारत को इसी महीने स्विस बैंक अकाउंट की डिटेल का तीसरा सेट मिल जाएगा। ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन समझौते के तहत स्विट्जरलैंड स्विस बैंक के भारतीय खातेदारों की जानकारी भारत सरकार को देगा। इसमें पहली बार भारतीयों के मालिकाना हक वाली अचल संपत्ति का डेटा भी शामिल होगा।
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि विदेशों में कथित रूप से जमा काले धन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में यह मील का पत्थर है। भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के फ्लैट और अपार्टमेंट के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई पर टैक्स देनदारियों को जानने में मदद मिलेगी।
छवि सुधारने के लिए स्विस बैंक ने उठाए कदम
स्विट्जरलैंड का यह कदम अपनी छवि सुधारने के लिहाज से भी अहम है। स्विस बैंकों को काले धन के सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर जाना जाता है। यह देश अपनी इस छवि से निजात पाने के लिए और खुद को स्पेशल ग्लोबल फाइनेंशियल सेंटर के तौर पर दोबारा स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। स्विस बैंक से भारत सरकार को तीसरी बार खातों की जानकारी दी जाएगी।
विशेषज्ञों ने बैंक के कदम को सही माना
स्विट्जरलैंड की सरकार ने भारत के साथ यह जानकारी साझा करने पर सहमति जताई है। इस फील्ड से जुड़े विशेषज्ञों और स्विट्जरलैंड में निवेश को आकर्षित करने वाले कारोबारियों ने इस कदम को सही बताया है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में लोगों को लगता है कि स्विट्जरलैंड की संपत्तियों में अवैध पैसे निवेश किए गए हैं। स्विस सरकार के इस कदम से गलत धारणाएं दूर होंगी।
स्विस कंपनी के मालिकों ने स्वागत किया
स्विट्जरलैंड फॉर यू नाम की कंपनी के फाउंडर और CEO हिमांशु ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। हिमांशु की कंपनी का काम स्विट्जरलैंड के स्टार्टअप्स और दूसरी कंपनियों के लिए भारत और दूसरे देशों से निवेश और बिजनेस लाना है।
हिमांशु ने बताया कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि स्विस बैंक को खाताधारकों की जानकारी छिपाना पड़े। संपत्ति के मालिकाना हक की डिटेल में छिपाए रखने जैसा कुछ भी नहीं है।
दो बार कब-कब मिला जानकारियों का सेट
भारत को स्विट्जरलैंड से भारतीय खातों की जानकारी का पहला सेट सितंबर 2019 में मिला था। भारत के साथ 75 देशों को उनके नागरिकों की डिटेल दी गई थी। इसके बाद सितंबर 2020 में भारत सरकार को दूसरा सेट मिला था। इसमें भारत सहित 85 देशों के खाताधारकों की जानकारी उनकी सरकार को दी गई।
30 लाख खातों की जानकारी अब तक जारी
पिछले 2 साल में स्विस बैंक करीब 30 लाख खातों की जानकारी उनके देशों को दे चुका है। इस साल यह आंकड़ा इससे ज्यादा हो सकता है। बैंक से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस साल बड़ी तादाद में नॉन रेजिडेंस इंडियन और भारतीय कंपनियों का डेटा जारी किया जाएगा।
2020 में 212% बढ़ा भारतीयों का धन
स्विस बैंक की तरफ से 18 जून 2021 को जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीयों के स्विस खातों में जमा पैसे 20,700 करोड़ तक पहुंच गए हैं, जो पिछले 13 साल में सबसे ज्यादा हैं। वहीं, 2019 की तुलना में यह 212% या 3.12 गुना ज्यादा हैं।
इस आंकड़े में भारत स्थित बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के जरिए जमा की गई राशि भी शामिल थी। स्विस बैंकों में जमा बढ़ने की वजह सिक्योरिटीज और ऐसे ही दूसरे विकल्पों के जरिए होल्डिंग्स में तेज उछाल होना था। हालांकि, कस्टमर डिपॉजिट में लगातार दूसरे साल गिरावट आई थी।
डिपॉजिट में 6% की गिरावट
डेटा के मुताबिक, 2019 के आखिर में स्विस बैंकों में भारतीयों और भारतीय कंपनियों की जमा का आंकड़ा 6,625 करोड़ रुपए था। जो 2018 के मुकाबले 6% कम था।
स्विस बैंकों में भारतीयों और भारतीय कंपनियों की 2020 के आखिर तक कुल 20,706 करोड़ राशि में 4,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कस्टमर डिपॉजिट, 3100 करोड़ रुपए से ज्यादा दूसरे बैंकों के जरिए, 16.5 करोड़ रुपए ट्रस्ट के जरिए और करीब 13,500 करोड़ रुपए बॉन्ड, सिक्योरिटीज और अन्य वित्तीय विकल्पों के रूप में आई अन्य राशि के तौर पर शामिल हैं।
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