कांग्रेस नेता का सेल्फ गोल: मनीष तिवारी ने मनमोहन सरकार पर सवाल उठाए, कहा- 26/11 के बाद पाकिस्तान पर एक्शन न लेना कमजोरी थी
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2 मिनट पहले
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कांग्रेस में फिर किताबी बम फूटा है। सलमान खुर्शीद के बाद अब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब चर्चा में है। उन्होंने मनमोहन सिंह की UPA सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। तिवारी ने मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी तरह का एक्शन न लेने को कमजोरी बताया है।
किताब में तिवारी ने लिखा है कि मुंबई हमले के बाद तात्कालीन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। ये ऐसा समय था, जब एक्शन बिल्कुल जरूरी था। तिवारी ने किताब में लिखा है कि एक देश (पाकिस्तान) निर्दोष लोगों का कत्लेआम करता है और उसे इसका कोई पछतावा नहीं होता। इसके बाद भी हम संयम बरतते हैं तो यह ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है। तिवारी ने 26/11 हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की है।
कसाब एकमात्र आतंकी था, जो जिंदा पकड़ा गया था। उसे 21 नवंबर 2013 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी।
26/11 हमले में क्या हुआ था?
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकी अरब सागर के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। उन्होंने 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बना रखा था। उनके पास 10 एके-47, 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड, 2 हजार गोलियां, 24 मैगजीन, 10 मोबाइल फोन, विस्फोटक और टाइमर्स थे। रात 8 बजकर 20 मिनट पर अजमल कसाब और उसके 9 साथियों ने मुंबई में कदम रखा था। मुंबई उतरने के बाद आतंकी दो-दो के ग्रुप में बंट गए थे और शहर में जमकर उत्पात मचाया था।
आतंकियों ने मुंबई के CST रेलवे स्टेशन पर उतरकर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी।
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