कांग्रेस छोड़ेंगे राणा सोढ़ी!: कैप्टन के करीबी पूर्व मंत्री ने पार्टी गतिविधियों से बनाई दूरी; अमरिंदर सिंह या BJP के साथ जाने की चर्चा
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चंडीगढ़16 मिनट पहले
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पंजाब के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी जल्द कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकते हैं। राणा सोढ़ी के कांग्रेस छोड़ने की चर्चा तेज हो गई है। इसकी वजह उनकी पार्टी की गतिविधियों से बनाई दूरी है। वह कैंपेन कमेटी से लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की किसी हलचल में नजर नहीं आ रहे।
चर्चा यह है कि वह कांग्रेस छोड़ पंजाब लोक कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जा सकते हैं। उन्हें कैप्टन का करीबी माना जाता है। हालांकि सियासी भविष्य को और मजबूत करने के लिए वह BJP का भी दामन थाम सकते है। फिलहाल सभी सवालों पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है।
बगावत होने पर राणा सोढ़ी ने ही अपने घर पर कैप्टन के हक में शक्ति प्रदर्शन करवाया था।
कैप्टन की वजह से गंवाई कुर्सी
जब कांग्रेस ने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया तो राणा सोढ़ी भी निशाने पर आ गए। नए सिरे से मंत्रियों के नाम तय हुए तो कैप्टन सरकार में खेल मंत्री रहे सोढ़ी मंत्रिमंडल से बाहर हो गए। तब यह साफ हो गया कि उन्हें कैप्टन से नजदीकी का खामियाजा भुगतना पड़ा। इसकी बड़ी वजह यह थी कि जब कैप्टन के खिलाफ कांग्रेस में बगावत हुई तो राणा ने ही उनके शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने घर में डिनर पार्टी रखी थी।
दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पूर्व मंत्री राणा सोढ़ी।
राहुल गांधी मिले, लेकिन बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली
पंजाब में कैप्टन की जगह CM चरणजीत चन्नी सीएम बन गए तो राहुल गांधी ने मंत्रिमंडल से बाहर हुए नेताओं से मुलाकात की। उसमें राणा सोढ़ी भी शामिल थे। उन्हें भरोसा दिया गया कि पार्टी में उचित जगह और सम्मान देंगे। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने प्रताप सिंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन और सुनील जाखड़ को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बना खुश करने की कोशिश की। लेकिन राणा सोढ़ी को कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई, जिसके बाद वह पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं।
2 सीटों से लड़ने के इच्छुक सोढ़ी
सियासी चर्चाओं के मुताबिक, पूर्व मंत्री राणा सोढ़ी परिवार 2 सीटों से चुनाव लड़ सकता है। राणा सोढ़ी इस वक्त गुरुहरसहाय से विधायक हैं, लेकिन वह फिरोजपुर शहर से भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। गुरूहरसहाय से राणा सोढ़ी लगातार 4 बार विधायक बन चुके हैं। इस बार वह फिरोजपुर शहर से लड़ सकते हैं, जबकि उनके बेटे अनुमीत सिंह हीरा सोढ़ी या बेटी एडवोकेट गायत्री बेदी में से कोई एक गुरूहरसहाय से चुनाव लड़ सकता है।
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