कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के प्रमुख का दावा, 2023 पाक चुनाव में वो होगा किंगमेकर
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कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने भविष्यवाणी की है कि उनकी पार्टी 2023 पाक आम चुनावों में किंगमेकर की भूमिका में होगी। टीएलपी समर्थकों पर ईशनिंदा के आरोप में एक श्रीलंकाई व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है।
न्यूजवीक पाकिस्तान के साथ एक साक्षात्कार में टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिजवी, जो हाल ही में लगभग सात महीने बाद जेल से रिहा हुए थे, ने कहा कि उनके वोट बैंक को पंजाब और सिंध क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फायदा मिलेगा, बशर्ते कि चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित हों। रिजवी ने कहा, “कोई भी विपक्ष काम नहीं कर पाएगा और टीएलपी के समर्थन के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी।”
उन्होंने गुरुवार को बताया, “टीएलपी को दोनों प्रांतों में अच्छा समर्थन प्राप्त है और पिछले चुनावों की तुलना में हमारा वोट बैंक कई गुना बढ़ा है।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी रिहाई और चुनावी गठबंधन की संभावना के बाद कोई प्रमुख राजनीतिक दल उनके पास पहुंचे हैं तो साद ने कहा कि टीएलपी के दरवाजे सभी दलों के लिए खुले हैं।
वहीं, ईशनिंदा के आरोपों को लेकर सियालकोट में पिछले हफ्ते प्रियंता कुमारा की मॉब लिंचिंग के बारे में पूछे जाने पर रिजवी ने घटना से टीएलपी को दूर करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की घटनाओं में टीएलपी को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। ये सब मीडिया का किया धरा है। बता दें कि पाकिस्तान में हिंसा फैलाने के आरोप में करीब सात महीने जेल में रहे रिजवी को 7 नवंबर के दिन इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ी राहत दी थी और टीएलपी को प्रतिबंधित समूह की सूची से हटा दिया था।
गौरतलब है कि साद हुसैन रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शुरू के तीन महीने उसे हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में रखा गया। फिर 10 जुलाई को पाकिस्तान पुलिस ने साद हुसैन रिजवी को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। वह हाल ही में पाक सरकार के साथ टीएलपी के समझौते के तहत जेल से रिहा होकर बाहर आया है।
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