कंधार हाईजैक विमान IC 814 के कैप्टन का दर्द: काबुल की सड़कों पर रॉकेट लॉन्चर लेकर खुली जीप में घूम रहे तालिबानी, 20 साल बाद भी यहां कुछ नहीं बदला
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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दिसंबर, 1999 में हाइजैक कर कंधार ले जाए गए भारतीय विमान पर कुल 180 लोग सवार थे। विमान अपहरण के कुछ ही घंटों के भीतर चरमपंथियों ने एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया था।
अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जा जमा चुका है। यहां से ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो परेशान करने वाली हैं। इन्हें देखकर एयर इंडिया के रिटायर्ड कैप्टन देवी शरण भी दुखी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि काबुल में यह नजारा 20 साल पहले जैसा लगता है। दरअसल, कैप्टन शरण दिसंबर, 1999 में हाईजैक हुए इंडियन एयरलाइंस के विमान IC814 के कैप्टन थे। इस विमान को हाईजैक कर कंधार ले जाया गया था।
कैप्टन शरण कंधार हाईजैक की घटना की तुलना अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से करते हैं। वह कहते हैं कि काबुल की सड़कों पर तालिबानी रॉकेट लॉन्चर लेकर खुली जीप में घूम रहे हैं। हाइजैक के दौरान उन्होंने हमारे एयरक्रॉफ्ट के आसपास ऐसा ही किया था। ऐसा लगता है, जैसे कुछ नहीं बदला है।
डायबिटीज रोगी की तबीयत बिगड़ गई: देवी शरण
नेशनल हीरो कैप्टन शरण ने बताया कि दूसरे या तीसरे दिन कंधार में एक डायबिटीज रोगी की तबीयत बिगड़ गई। रिक्वेस्ट करने पर तालिबानियों ने उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वह यात्री उसी दिन एयरक्राफ्ट में लौट आया, क्योंकि अस्पताल की हालत बहुत खराब थी। वह खुद को वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था।
हाईजैक विमान को वापस लाने गए थे कैप्टन एसपी सूरी
कैप्टन एसपी सूरी IA एयरबस A320 रिलीफ फ्लाइट से 26 दिसंबर,1999 को दिल्ली से कंधार पहुंचे थे। 31 दिसंबर को क्रू और यात्री भारत रवाना हो गए, लेकिन उन्हें वहां एक और रात बितानी पड़ी। हाईजैक हुए विमान को वापस लाने के लिए उनके साथ वहां पर कैप्टन जेआरडी राव और दो इंजीनियर्स थे।
कार्गो खोलने के लिए हम पर जोर डाला गया: एसपी सूरी
सूरी ने बताया, ‘तालिबानियों ने मुझसे कहा कि हमारा कमांडर बोलता है, हम नहीं जाने देंगे जब तक कि इसमें से हमारा एक तोहफा नहीं उतरेगा। कार्गो होल्ड खोलो। दरअसल, कैबिन में एक बैग था, जिसमें यात्रियों के कीमती सामान रखे गए थे। मुझे लगा कि वो उस बैग के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने एयरक्राफ्ट का कार्गो खोलने के लिए जोर डाला और वह बैग बाहर निकाल लिया।’
‘1 जनवरी, 2000 की सुबह हाईजैकर्स वहां से हटाए गए’
सूरी 2014 में एयर इंडिया से रिटायर हुए। अब वह स्पाइसजेट के विमान उड़ाते हैं। उन्होंने बताया, “1 जनवरी, 2000 की सुबह तालिबान ने हाईजैकर्स को वहां से हटा दिया था। मैं वहां से जाना चाहता था, लेकिन हमें उड़ान भरने की इजाजत नहीं थी। कंधार आने पर मैं और दूसरे क्रू मेंबर A320 में ही सोते थे।”
24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के IC-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक कर लिया था।
कंधार हाईजैक क्या है
- 24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के आईसी-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक कर लिया था।
- इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने प्लेन में गोली की आवाज सुने जाने का दावा किया।
- करीब एक हफ्ते ये प्लेन आतंकियों के कब्जे में रहा और इस दौरान करीब पांच देशों के चक्कर लगाए।
- फ्यूल भरवाने के लिए हाईजैकर्स ने सबसे पहले लाहौर एयरपोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां एयरक्राफ्ट को लैडिंग के लिए परमिशन नहीं मिली।
- इसके बाद प्लेन को अमृतसर में उतारा गया, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते फ्यूल नहीं भरा जा सका। इस दौरान एयरपोर्ट को सील रखा गया।
लाहौर में भरा गया फ्यूल
- 25 मिनट के इंतजार के बाद हाईजैकर्स ने पैसेंजर रूपिन कात्याल की हत्या कर दी और दोबारा लाहौर की ओर बढ़ गए।
- भारत ने पाकिस्तान अथॉरिटी को एयरक्राफ्ट की लैंडिग के लिए मंजूरी देने के लिए कहा।
- पाकिस्तानी कमांडो से घिरे लाहौर एयरपोर्ट को सील कर दिया गया और प्लेन की लैंडिग हुई। यहां प्लेन में फ्यूल डाला गया।
- यहां से प्लेन ने काबुल के लिए उड़ान भरी, लेकिन काबुल और कंधार में रात के वक्त लाइट्स का सही इंतजाम न होने के चलते इसे दुबई डायवर्ट कर दिया गया।
दुबई में 25 यात्रियों की रिहाई
- दुबई के अल-मिन्हत एयरफोर्स बेस में इसकी लैंडिंग हुई। यहां हाईजैकर्स ने खाने और दवाइयों की डिमांड की।
- UAE के अधिकारी महिलाओं और बच्चों को प्लेन से उतारने की मंजूरी मिलने के बाद बातचीत के राजी हुए।
- हाईजैकर्स ने 25 यात्रियों को रिहा किया और रूपिन कात्याल का शव UAE अथॉरिटीस को सौंपा।
फिर कंधार में उतारा प्लेन
- 25 दिसंबर 1999 की सुबह प्लेन ने दुबई से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरी और कंधार में लैंडिग की।
- इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने पैसेंजर्स की रिहाई के लिए हाईजैकर्स के साथ बातचीत शुरू की।
- हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की।
- बाद में हाईजैकर्स ने फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया।
पैसेंजर्स के बदले तीन आतंकियों की रिहाई
- उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया।
- भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था।
- इसके बाद 31 दिसंबर को पैसेंजर्स की रिहाई हुई, जिन्हें स्पेशल प्लेन से वापस लाया गया।
- इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
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